केंद्र ने पंजाब की हरिके से शुरू होती इंदिरा गांधी नहर में राष्ट्रीय जल मार्ग बनाने की योजना को रद्द कर दिया है। योजना रद्द करने का कारण यह बताया गया है कि जब फिजीबिल्टी रिपोर्ट पूरी की गई तो पता चला की नहर राष्ट्रीय जल मार्ग बनाने के लिए उचित नहीं है।
70 वर्ष पुरानी है ये नहर
इसका कारण इंदिरा गांधी नहर के कम ऊंचाई पर पुल होने के कारण जल बसें, कश्तियां वे नेविगेशन के लिए यह जगह उचित नहीं है। नहर में 18 हजार क्यूसिक पानी चलता है।
नहर करीब 70 साल पुरानी है। केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सरवानंद सोनेवाल ने संसद में इसको लेकर लिखित जवाब दिया है। ध्यान रहे कि पूर्व अकाली भाजपा गठजोड़ की सरकार के समय पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने नहरों में बसें चलाने की बात कहीं थी।
बादल ने की पानी वाली बस की बात
पूर्व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी साल 2015 में बठिंडा आए थे। उस समय पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने गडकरी को इंदिरा नहर दिखाई थी। बादल ने नहर में बसें चलाने की बात कहीं थी। अकाली भाजपा सरकार की ओर से पानी वाली बस चला दी गई थी, लेकिन इंदिरा गांधी नहर में जल बसें व कश्तियां चलाने की योजना ठप हो गई थी।
101 दरिया और नहरों को राष्ट्रीय जलमार्ग बनाने की योजना थी
केंद्र की ओर से 2015-16 में राष्ट्रीय जलमार्गों के लिए 25 करोड़ रुपये के फंड रखे गए थे। इस राशि से जलमार्गों को करने की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करवाई गई थी। योजना के तहत 101 दरिया व नहरों को राष्ट्रीय जलमार्ग बनाने की योजना थी।
संसद में दिए जवाब के मुताबिक नहर 650 किलोमीटर लंबी हे जिस का 19.83 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में से गुजरता है। राजस्थान सरकार ने जब नहर की मरम्मत की थी उस समय पुलों को छेड़ा नहीं गया था क्योंकि नहर को राष्ट्रीय जल मार्ग घोषित किया गया था। पहले केंद्र सरकार की ओर से इंदिरा गांधी नहर में जल वाहन चलाने की योजना थी।
अकाली-भाजपा ने शुरू की थी पानी वाली बस
इंदिरा गांधी नहर हरिके से शुरू होती है व पंजाब के फिरोपुर, फरीदकोट, मुक्तसर व बठिंडा जिलों में होकर आगे राजस्थान में दाखिल होती है। केंद्र की उक्त नहर को मालवाहक के साधन की ओर से इस्तेमाल करने की योजना थी।
हरियाणा की यमुना दरिया को राष्ट्रीय जल मार्ग घोषित किया गया था लेकिन वह भी समुद्री आवाजाही के पैमाने पर खरा नीं उतर सकी।पंजाब की पूर्व अकाली भाजपा सरकार की ओर से पानी में चलाने वाली जो बस शुरू की गई थी वह भी बंद पड़ी है। इसे चलाने का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना था।