देश में बागवानी के जरिए किसानों की आय बढ़ाने की कवायद तेज हो गई है. हाल ही में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने किसानों के लिए जारी बागवानी प्रोजेक्ट्स को जल्द से जल्द अप्रूव करने का फैसला किया है, जो काम पहले 8 महीने में पूरा होता था, वो अब 45 दिन के अंदर ही मंजूर हो जाएगा. किसानों को ज्यादा डोक्यूमेंट्स भी सब्मिट नहीं करने पड़ेंगे, बल्कि सिंगल प्रोसेस में ही अब से बागवानी स्कीम्स का लाभ मिलने लगेगा. हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB) के निदेशक मंडल की 32वीं बैठक में यह फैसला लिया गया है, जो अब किसानों के लिए खेती और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने की प्रक्रिया को और भी आसान बना देगा.
जनवरी से ही लागू होंगे नए नियम
कृषि भवन में हुई बैठक के दौरान कृषि मंत्रालय और राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड ने इस प्रक्रिया को आसान बनाने के साथ-साथ नए नियमों को 1 जनवरी 2023 से लागू करने का फैसला किया है. बता दें कि इस प्रोसेस में स्कीम डिजाइन के साथ-साथ एप्लीकेशन फाइलिंग सिस्टम, डॉक्यूमेंटेशन और प्रोजेक्ट्स के अप्रूवल की प्रोसेस आसान हो गई है. इस अवसर पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस निर्णय से बागवानी क्षेत्र का विकास होगा और किसानों को भी काम करने में आसानी रहेगी.
अब किसानों की आर्थिक मदद के लिए बागवानी बोर्ड भी नई तकनीकों की कमर्शियल परियोजनाओं पर काम करेगा. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के इस नए डिजाइन में किसानों को क्रेडिट लिंक सब्सिडी उपलब्ध करवाने के साथ-साथ कृषि अवसंरचना कोष स्कीम को बढ़ावा देने का भी प्लान है.
किसानों को मिलेगा आर्थिक मदद
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के निदेशक मंडल की 32वीं बैठक में एक नए स्वच्छ पौध कार्यक्रम को लेकर भी विस्तार से बातचीत हुई. इस काम में एशियन विकास बैंक के प्रत्यक्ष सहयोग से 21000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इससे कमर्शियल बागवानी के तहत फलों की रोपाई के लिए रोपण सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी. बता दें कि कई बार फलों की बागवानी के लिए रोपण सामग्री मिलना मुश्किल हो जाता है, लेकिन इस नए कार्यक्रम के तहत अच्छी क्वालिटी की रोपण सामग्री पर फोकस किया जाएगा.
इस बीच जैविक खेती और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए नया वर्टिकल भी बना है, जिसके तहत योजनाओं के पर्यवेक्षण से लेकर निगरानी, क्षेत्र विस्तार और उत्पादन, मूल्य श्रृंखला विकास के लिए मार्केटिंग को बढ़ावा और बुनियादी ढांचे पर फोकस किया जाएगा. इतना ही नहीं, बागवानी बोर्ड द्वारा चलाए जा रहे क्लस्टर विकास कार्यक्रमों को भी गति मिलेगी. इस स्कीम के तहत प्राप्त आवेदनों को भी जल्द ही अप्रूव किया जाएगा.
एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के आबंटन में आई तेजी
कृषि भवन मे हुई बैठक में बागवानी बोर्ड के प्रोजेक्ट्स के साथ कृषि अवसंरचना कोष के के तहत आबंटन की प्रक्रिया को भी तेज कर दिया गया है.बता दें कि इस स्कीम के तहत देशभर में 18,133 प्रोजेक्ट चालू करने का प्लान है, जिसके लिए सरकार ने 13,681 करोड़ रुपये का फंड दिया है.
1 लाख करोड़ के फंड वाली इस स्कीम के तहत देशभर में गोदामों, कोल्ड स्टोरों का निर्माण और नवीनीकरण के कार्य होने हैं, जिससे फल, सब्जी और कृषि उत्पादों में नुकसान को कम किया जा सके. इस स्कीम के तहत मंजूर हुए कई प्रोजेक्ट्स पर काम चालू हो चुका है. इसमें 8076 गोदाम, 2788 प्रोसेसिंग यूनिट, 1860 कस्टम हायरिंग केंद्र, 937 छंटाई और ग्रेडिंग यूनिट, 696 कोल्ड स्टोरेज, 163 टेस्ट यूनिट और 3613 पोस्ट हार्वेल्स मैनेजमेंट यूनिट्स बनाई जाएंगी.
किसान चाहें तो कृषि अवसंरचना कोष स्कीम में आवेदन करके फलों की ग्रेडिंग, पोलीहाउस, ड्रोन और कृषि मशीनरी खरीदने के लिए भी पैसा ले सकते हैं. इस स्कीम के तहत कृषि आधारित उद्योगों के निर्माण के लिए 2 करोड़ का बैंक लोन दिया जाता है, जिसके ब्याज दर तक 3 फीसदी की छूट भी मिलती है