भाजपा जिला प्रधान खोजेवाल ने भाजपा प्रदेश महामंत्री श्रीनिवासुलु से की मुलाकत
कपूरथला() : भाजपा के नवनियुक्त जिला प्रधान रणजीत सिंह खोजेवाल ने भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री मंत्री श्रीनिवासुलु से मुलाकत की।इस दौरान विस्तारक योजना,समर्पण निधि,बूथ सशक्तिकरण एवं शक्ति केंद्र गठन विषय पर चर्चा हुई।इस दौरान प्रदेश महामंत्री श्री मंत्री श्रीनिवासुलु ने कहा कि भाजपा को बूथ स्तर पर मजबूत करना है।इसके लिए बूथ विस्तारकों बूथ अध्यक्षों की महत्वपूर्ण भूमिका है।सभी कार्यकर्ता भाजपा सरकार की योजनाओं की जन जन को जानकारी दे तथा पार्टी को मजबूत करें।उन्होंने कहा कि यूथ कार्यकर्ता पार्टी की मजबूत कड़ी है।यूथ की मेहनत से ही सरकारे बनती है।उन्होंने कहा कि युवा शक्ति ही देश का भविष्य है।यूथ एकजुट होकर पार्टी हित में कार्य करें।इस अवसर पर भाजपा जिला प्रधान रणजीत सिंह खोजेवाल ने परिवारवाद पर जमकर हमला बोला।उन्होंने कहा कि एक राजनीति है परिवार भक्ति की और दूसरी राजनीति है राष्ट्र भक्ति की।परिवारवादी राजनीति वाले एक दूसरे के भ्रष्टाचार को ढक कर रखते हैं।आज भाजपा ही एक मात्र पार्टी है,जो परिवारवादी राजनीति के खिलाफ है।भाजपा ने पहली बार इसको चुनावी मुद्दा बनाया।परिवारवादी पार्टियां लोकतंत्र के लिए खतरा है।उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सिद्धांतों और आदर्शों पर आधारित राजनीतिक दल है।यह किसी परिवार,जाति या वर्ग विशेष की पार्टी नहीं है।भाजपा कार्यकर्ताओं को जोड़ने वाला सूत्र है–भारत के सांस्कृतिक मूल्य,हमारी निष्ठाएं और भारत के परम वैभव को प्राप्त करने का संकल्प;और साथ ही यह आत्मविश्वास कि अपने पुरुषार्थ से हम इन्हें प्राप्त करेंगे।खोजेवाल ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ रहे हैं और कई ने तो बलिदान भी दिया है।खोजेवाल ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में देश की नारी शक्ति में आत्मविश्वास बढ़ा है।देश के विकास में महिलाओं की सहभागिता बढ़े ये हम सबका एक दायित्व है।राष्ट्र नीति और राजनीति साथ-साथ चलना चाहिए।उन्होंने कहा कि गांव, गरीबों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाना चाहिए।खोजेवाल ने कहा कि भाजपा की विचारधारा को एक पंक्ति में कहना हो तो वह है,भारत माता की जय।भारत का अर्थ है अपना देश।देश जो हिमालय से कन्याकुमारी तक फैला है और जिसे प्रकृति ने एक अखंड भूभाग के रूप में हमें दिया है।यह हमारी माता है और हम सभी भारतवासी उसकी संतान हैं।एक मां की संतान होने के नाते सभी भारतवासी सहोदर यानि भाई-बहन हैं।भारत माता कहने से एक भूमि और एक जन के साथ हमारी एक संस्कृति का भी ध्यान बना रहता है।इस माता की जय में हमारा संकल्प घोषित होता है और परम वैभव में है मां की सभी संतानों का सुख और अपनी संस्कृति के आधार पर विश्व में शांति व सौख्य की स्थापना।