उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के यात्रा मार्ग में प्लास्टिक के कचरों को कम करने पर केंद्रित एक अनोखे डिजिटल प्रयोग को डिजिटल इंडिया पुरस्कार मिला है। रूद्रप्रयाग जिला प्रशासन और रिसाइकल नामक एक कंपनी की संयुक्त पहल ‘डिजिटल डिपोजिट रिफंड सिस्टम’ ने ‘स्टार्टअप’ श्रेणी के तहत डिजिटल पहलों में यह पुरस्कार जीता है। रिसाइकल नामक यह कंपनी पुन:चक्रवर्तनीय वस्तुओं के लिए एशिया की सबसे बड़ी कंपनी है।
इस डिजिटल पहल के तहत पर्यटक एवं श्रद्धालु प्लास्टिक पैकेजिंग वाले उत्पाद खरीदते समय 10 रुपये अतिरिक्त जमा करते थे और जब वे रिसाइकल द्वारा स्थापित डिपोजिट रिफंड केंद्र पर प्लास्टिक बोतलों या इन उत्पादों को जमा करते थे, उन्हें यह पैसा नकद या यूपीआई तरीके से वापस मिल जाता था। रिसाइकल के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभय देशपांडे ने बताया कि इस पहल के चलते 1.63 लाख से अधिक बोतलों को इन हिमालयी खाइयों एवं जलाशयों में जाने से रोका गया तथा साथ ही, स्थानीय लोगों के लिए काम एवं आय के अतिरिक्त स्रोत भी पैदा हुए।
उन्होंने कहा कि शनिवार को नयी दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यह पुरस्कार प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि डिजिटल डिपोजिट रिफंड व्यवस्था को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। हम उत्तराखंड सरकार, स्थानीय यूनियनों, एसोसिएशनों एवं नागरिकों को उनके अनथक सहयोग के लिए धन्यवाद देते हैं।