
कनाडा सेटल होना चाहते थे अंतरप्रीत
अंतरप्रीत ने बताया कि वे कभी कनाडा जाकर सेटल होने का सपना देखते थे। उनके ससुराल के सभी लोग विदेश में हैं और वे भी इसी दिशा में कदम बढ़ाने के लिए तैयार थे। इसी बीच कोरोना काल आया और उनका मन बदल गया। उन्होंने ठान लिया कि वे अपने देश में ही कुछ बड़ा करेंगे।
15 युवाओं को दिया है रोजगार
उन्होंने 12 से 15 युवाओं को भी रोजगार दिया, जिससे उनके परिवारों का भी भला हुआ। उनका मानना है कि अगर कुछ कर दिखाने का जुनून हो, तो अपने देश में रहकर भी ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है।
ऑनलाइन क्लासेज के जरिए सिखाते हैं संगीत
उन्होंने ऑनलाइन क्लासेज के जरिए बच्चों को भी गायकी सिखाना शुरू कर दिया। संगीत और भक्ति से उनका गहरा नाता है। वे नियमित रूप से कीर्तन करते हैं और हाल ही में 2024 में इंग्लैंड में एक महीने तक कीर्तन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वहां अधिकतर पंजाबी, पेट्रोल पंप या रेस्तरां में छोटे-मोटे काम करते देखे। यही सोच उन्हें अपने देश की ओर खींच लाती है।
विदेश में पंप पर काम करना है, तो अपने घर क्यों नहीं?
अंतरप्रीत कहते हैं कि विदेश में रहकर दूसरों के अधीन काम करने के बजाय, अपने देश में खुद कुछ नया शुरू करने का विचार उनके मन में आया। उन्होंने देखा कि पंजाब के युवा बड़ी संख्या में विदेश जा रहे हैं और वहां मामूली नौकरियां कर रहे हैं।
अगर यही मेहनत और मेहनत का पैसा अपने देश में लगाया जाए, तो वे खुद के मालिक बन सकते हैं। पिछले छह-सात साल में आधा पंजाब विदेश जा चुका है, यह चिंता का विषय है। हम अपने देश में काम करें तो भी सफलता मिल सकती है।
युवा भी अपने देश में संभावनाएं तलाशें
अंतरप्रीत की कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की सफलता की नहीं है, बल्कि देशप्रेम और आत्मनिर्भरता की भी है। यह उन युवाओं को सीख देती है, जो विदेश जाने के सपने देख रहे हैं।
अंतरप्रीत ने यह साबित कर दिया कि स्वदेश में रहकर भी सफल हुआ जा सकता है, और देश के विकास में योगदान दिया जा सकता है। उनकी सफलता अब और भी युवाओं को प्रेरित कर रही है कि वे अपने देश में ही संभावनाएं तलाशें।
अब प्लेबैक सिंगिंग में बनाना चाहते हैं पहचान
अंतरप्रीत बताते हैं कि अब जब उनका बिजनेस सेट हो चुका है, तो उनका अगला लक्ष्य प्लेबैक सिंगिंग में पहचान बनाना है। वे दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
स्टोर पर काम करते हुए भी वे गुनगुनाते रहते हैं, ताकि अपनी कला को निखार सकें। उनके एक बेटा और एक बेटी है। वह दोनों छोटे हैं। वे चाहते हैं कि उनके बच्चे भी अपने देश में रहें। यहीं पढ़ाई करें और फिर यहीं कोई काम करें। यहां जैसा अपनापन कहीं नहीं मिलेगा।