
ब्रिटिश गोपनीयता निगरानी एजेंसी इन्फॉर्मेशन कमिश्नर ऑफिस ने टिकटॉक, रेडिट और इम्गुर को लेकर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक, इस दौरान ये जांच की जाएगी कि ये सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 13-17 साल के बच्चों के डेटा का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं।
टिकटॉक का एल्गोरिदम यूजर्स को वीडियो सुझाने के लिए उनके डेटा का इस्तेमाल करता है। यह जांच इस बात पर है कि क्या टिकटॉक बच्चों के निजी डेटा का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहा है।
रेडिट और इम्गुर पर क्या आरोप हैं?
रेडिट और इम्गुर पर यूजर की उम्र का सही आकलन न करने का शक है। इन प्लेटफॉर्म्स को यह सुनिश्चित करना होता है कि बच्चों को उनके लिए गलत कंटेंट न दिखे।
ब्रिटेन का कानून क्या कहता है?
ब्रिटेन में सोशल मीडिया के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं। इनमें सोशल मीडिया कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होता है कि बच्चों को गलत या हानिकारक कंटेंट न दिखे और उनकी उम्र की सही जांच की जाए। अगर जांच में कंपनियों के कानून तोड़ने के सबूत मिलते हैं, तो उन्हें पहले सफाई देने का मौका मिलेगा, फिर उन पर कार्रवाई की जा सकती है। फिलहाल, टिकटॉक, रेडिट और इम्गुर ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
टिकटॉक को लेकर ट्रंप का बड़ा फैसला
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टिकटॉक को लेकर बड़ा फैसला लिया था। इसे लेकर उन्होंने कहा था कि टिकटॉक से मिलने वाले धन को हम सॉवरेन वेल्थ फंड में डाल सकते हैं। कई देशों के पास ऐसे फंड हैं। अगर अमेरिका ऐसा फंड बनाता है तो वह सऊदी अरब के फंड के आकार को पार कर सकता है। हम इसे बनाकर ही रहेंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक को फंड बनाने के लिए आधार तैयार करने का जिम्मा सौंपा था।