
नई दिल्ली। टाटा ग्रुप की एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया ने सख्त कदम उठाते हुए अपने एक इंस्ट्रक्टर पायलट की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। इसके अलावा, इस इंस्ट्रक्टर पायलट से ट्रेनिंग लेने वाले 10 अन्य पायलटों को भी ड्यूटी से हटा दिया है। यह कार्रवाई हाल ही में एक ‘व्हिसलब्लोअर’ (गोपनीय जानकारी देने वाले व्यक्ति) द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के बाद की गई है।
व्हिसलब्लोअर की शिकायत के बाद हुई जांच
एयर इंडिया ने बताया कि एक व्हिसलब्लोअर ने शिकायत की थी कि सिम्युलेटर इंस्ट्रक्टर पायलट अपने कर्तव्यों को ठीक से नहीं निभा रहा है। इसके बाद, एयर इंडिया ने इन आरोपों की गहराई से जांच की। जब साक्ष्यों की समीक्षा की गई, तो यह पाया गया कि लगाए गए आरोप सही हैं। इसके बाद एयर इंडिया ने इंस्ट्रक्टर पायलट को तुरंत हटाने का फैसला किया और उसके अधीन ट्रेनिंग ले रहे 10 पायलटों को भी जांच पूरी होने तक ड्यूटी से हटा दिया गया।
डीजीसीए को दी गई जानकारी
एयर इंडिया ने इस पूरे मामले की जानकारी भारत के विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को भी दे दी है। कंपनी ने यह कदम पारदर्शिता बनाए रखने और उड़ान सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए उठाया है।
इंस्ट्रक्टर पायलट की भूमिका क्या होती है?
इंस्ट्रक्टर पायलट, जिसे फ्लाइट इंस्ट्रक्टर भी कहा जाता है, बहुत अनुभवी पायलट होता है। उसका मुख्य कार्य नए पायलटों को विमान उड़ाने की ट्रेनिंग देना होता है। इसके अलावा, वह मौजूदा पायलटों को भी उनके कौशल (स्किल्स) को बेहतर करने में मदद करता है।
एयर इंडिया ने व्हिसलब्लोअर की सराहना की
हालांकि, एयर इंडिया ने इस मामले में ज्यादा जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन कंपनी ने व्हिसलब्लोअर के साहस की सराहना की है। एयरलाइन का कहना है कि इस तरह की रिपोर्टिंग से सुरक्षा और गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलती है।