
हॉन्गकॉन्ग अलायंस नाम का यह संगठन तियानमेन चौक पर साल 1989 में हुए लोकतंत्र समर्थकों के नरसंहार की वर्षगांठ पर हर साल शहर में मोमबत्ती जलाकर जुलूस निकालने के लिए जाना जाता है।
हॉन्गकॉन्ग की एक शीर्ष अदालत ने तियानमेन चौक पर कार्यक्रम आयोजित करने वाले तीन आयोजकों की सजा माफ कर दी। यह हॉन्गकॉन्ग में लोकतंत्र समर्थकों की बड़ी जीत माना जा रहा है। जिन लोगों की सजा माफ की गई है, उनमें जो हांग तुंग, तांग नॉक क्वान और सुइ होन कॉन्ग का नाम शामिल है। ये तीनों हॉन्गकॉन्ग अलायंस के सदस्य है। तीनों को साल 1989 में हुए तियानमेन चौक कांड की याद में हर साल तियानमेन चौक पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए साल 2023 में दोषी ठहराया गया था।
तीनों को साढ़े चार महीने जेल की सजा हुई थी। बता दें कि हॉन्गकॉन्ग अलायंस नाम का यह संगठन तियानमेन चौक पर साल 1989 में हुए लोकतंत्र समर्थकों के नरसंहार की वर्षगांठ पर हर साल शहर में मोमबत्ती जलाकर जुलूस निकालने के लिए जाना जाता है। तीनों को साढ़े चार महीने जेल की सजा हुई थी। बता दें कि हॉन्गकॉन्ग अलायंस नाम का यह संगठन तियानमेन चौक पर साल 1989 में हुए लोकतंत्र समर्थकों के नरसंहार की वर्षगांठ पर हर साल शहर में मोमबत्ती जलाकर जुलूस निकालने के लिए जाना जाता है। लेकिन साल 2021 में चीन द्वारा लगाए गए व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत इसे भंग कर दिया गया था। आलोचकों का आरोप है कि हॉन्गकॉन्ग में लगातार नागरिक स्वतंत्रता का दमन किया जा रहा है। इसी के तहत हॉन्गकॉन्ग अलायंस के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई और संगठन के सदस्यों को विदेशी एजेंट बताया गया था। अदालत ने इन आरोपों को साबित करने को कहा और आखिरकार तीनों को रिहा कर दिया।
तियानमेन चौक नरसंहार क्या था?
4 जून 1989 को चीन के तियानमेन चौक में नरसंहार हुआ था। इस दौरान चीन के कम्युनिस्ट शासन ने लोकतंत्र की बहाली के लिए उठाई गई आवाजों को दबाने का काम किया। दरअसल हजारों छात्रों ने चीन में लोकतंत्र की बहाली के लिए आवाज उठाई थी। उस दौरान चीन की सरकार ने निहत्थे छात्रों के आंदोलन का दमन करने के लिए उनके ऊपर टैंक चढ़वा दिए और अंधाधुंध गोलीबारी कर हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया। चीनी कम्युनिस्ट सरकार (सीसीपी) के निर्देशों पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने यह कार्रवाई की थी। बताया जाता है कि इस घटना में 10 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।