तमिल सहित सभी भारतीय भाषाओं को संरक्षित करने के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए शाह ने कहा कि केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बलों (सीआइएसएफ, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आइटीबीपी और एसएसबी) की भर्ती परीक्षाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भारतीय भाषाओं में कराने भी फैसला किया है।
अब सिर्फ तमिल जानने वाले युवा भी केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बलों की भर्ती परीक्षाओं में भाग ले सकते हैं और नौकरी पा सकते हैं। जबकि पहले ये भर्ती परीक्षाएं सिर्फ हिंदी और अंग्रेजी में होती थी और तमिल जानने वाला युवा इनमें हिस्सा ही नहीं ले पाता था।

CISF के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र का नाम चोल वंश के राजा के नाम पर

तमिलनाडु के तक्कोलम में स्थित सीआइएसएफ के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र का नाम चोल वंश के राजा राजादित्य चोल के नाम पर रखने की घोषणा कर अमित शाह ने साफ कर दिया कि मोदी सरकार तमिल भूमि पर पराक्रम और बलिदान की गाथाएं लिखने वाले ऐतिहासिक महापुरुषों का सम्मान करना नहीं भूलती। उन्होंने चोल साम्राज्य की महान परंपराओं को आगे बढ़ाने वाले राजादित्य चोल के नाम पर क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र के नामकरण को गौरव की बात बताया।

हिंदी औपनिवेशवाद स्वीकार नहीं करेगा तमिलनाडु : स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि वह ब्रिटिश औपनिवेशवाद के स्थान पर हिंदी औपनिवेशवाद को स्वीकार नहीं करेंगे। एक इंटरनेट मीडिया पोस्ट में स्टालिन ने कहा, ‘पेड़ शांत रहना पसंद कर सकता है, लेकिन हवा शांत नहीं होगी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने हमें पत्र लिखने के लिए उकसाया, जबकि हम बस अपना काम कर रहे थे। वह अपना स्थान भूल गए और पूरे राज्य पर हिंदी थोपने के लिए धमकाने की हिम्मत की और अब उन्हें ऐसी लड़ाई फिर शुरू करने के परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं जो वह कभी नहीं जीत सकते।’

द्रविड़ दिल्ली से निर्देश नहीं लेते

उन्होंने कहा, ‘सबसे बड़ी बिडंबना यह है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एईपी) खारिज करने वाले तमिलनाडु ने पहले ही कई ऐसे लक्ष्य प्राप्त कर लिए हैं जिन्हें नीति के तहत 2030 तक प्राप्त करना है। यह एलकेजी के छात्र द्वारा पीएचडी धारक को निर्देश देने के समान है। द्रविड़ दिल्ली से निर्देश नहीं लेते।’ द्रमुक प्रमुख ने लिखा, ‘इतिहास से स्पष्ट है कि जिन्होंने तमिलनाडु पर हिंदी थोपने की कोशिश की, वे या तो हार गए या बाद में अपना रुख बदल लिया और द्रमुक के साथ जुड़ गए।’