
श्री अकाल तख्त साहिब (Shri Akal Takht Sahib) के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से हटाने को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि ‘न घसुन (मुक्का) मारदा, न लत (लात) मारदा, रब जदों मारदा तां मत (अक्ल) मारदा’। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब इनके घर का नहीं बल्कि छठे गुरु का तख्त है और यह कोई छोटा मोटा तख्त नहीं है जिसके जत्थेदारों को ये अपनी जेबों में लिए घूमते हैं।
सुखबीर बादल पर भी साधा निशाना
जत्थेदारों को हटाने को लेकर शिरोमणि अकाली दल के पूर्व प्रधान सुखबीर बादल का नाम लिए बगैर भगवंत मान ने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि राजनीति धर्म से शिक्षा लेती लेकिन होने यह लगा है कि राजनीति धर्म को शिक्षा देने लगी है और जब से ऐसा हुआ है तब से इनका यह हाल हो गया है।
SGPC के चुनाव पर भी कही ये बात
लंबे समय से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव न होने की बात को दोहराते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि एसजीपीसी की जिस अंतरिंग कमेटी ने जत्थेदारों को हटाने का फैसला लिया है, वे खुद तो वेलिड हो जाएं।
उन्होंने कहा कि उनका चुनाव 2011 में हुआ था । लंबे समय से चुनाव ही नहीं हुए। उन्होंने कहा कि ये चुनाव केंद्र सरकार ने करवाने होते हैं। मैं उनसे अपील करता हूं कि ये चुनाव जल्द से जल्द करवाए जाएं। इन्हें भी पता चल जाएगा कि लोग कितना साथ देते हैं।
यह छठे पातशाह की गद्दी है- सीएम मान
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने संसद में भी एक बार कहा था कि जत्थेदारों को ये अपनी जेबों में लिए घूमते हैं। कभी लगा दिया , कभी मन आया तो हटा दिया। जब इन्होंने तख्त साहिब पर जाकर खुद अपने गुनाह कबूल किए हैं और उनकी ओर से लगाई गई सजा को भी पूरा किया है तो इस तरह किसी जत्थेदार को हटाना बदलाखोरी लगती है। लेकिन इन्हें समझना चाहिए कि यह छठे पातशाह की गद्दी है।