
तीन जुलाई से आरंभ होने जा रही श्री अमरनाथ यात्रा (Shree Amarnath Yatra) में इस बार श्रद्धालुओं को जनरेटरों का शोर व प्रदूषण का सामना नहीं करना पड़ेगा। यात्रा मार्ग से लेकर पवित्र गुफा तक निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिए भूमिगत केबलिंग के जरिए ग्रिड कनेक्टिविटी बहाल की जाएगी। इस बार 38 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा को लेकर प्रशासन की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
काम में मशीनों की भी ली जाएगी मदद
बिजली निगम के कर्मचारी भी दोनों मार्गों से पवित्र गुफा तक बिजली का ढांचा स्थापित करने के काम में जुटे हुए हैं। सरकार ने विश्वास दिलाया कि यात्रा आरंभ होने से पहले बिजली आपूर्ति को सुनिश्चित बना लिया जाए।
काम में तेजी लाने के लिए श्रमिकों के साथ- साथ मशीनों की भी मदद ली जा रही है। इसके साथ हर साल की तरह इस बार अमरनाथ यात्रा को सुचारु व सुरक्षित बनाया जाएगा।
सुरक्षा के भी होंगे बेहतर उपाय
यात्रा के दौरान काम करने वाले विभिन्न एजेंसियों व सरकारी विभागों को आपसी समन्वय बनाकर काम करने की हिदायत दी गई है। सरकार ने दावा किया कि इस बार यात्रा में सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। सुरक्षा उपायों में भी बेहतर सुधार किए जा रहे हैं। धार्मिक आस्था के साथ-साथ यह यात्रा आर्थिक मजबूती भी प्रदान करती है।
इस यात्रा का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व होने के साथ यह स्थानीय लोगों की आजीविका से भी जुड़ी हुई है। ऐसे में सरकार का पूरा प्रयास रहेगा कि स्थानीय व्यवसायों को अधिक लाभ पहुंचाने के लिए इस यात्रा के माध्यम से स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाए।
3 जुलाई से शुरू होगी यात्रा
श्री बाबा अमरनाथ की इस साल की वार्षिक यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी। यह यात्रा 9 अगस्त को रक्षा बंधन वाले दिन संपन्न होगी। इस बार यात्रा की अवधि 38 दिन की होगी। इसका फैसला उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में आज राजभवन जम्मू में हुई श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की 48 वीं बैठक में लिया गया।
उपराज्यपाल श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के चेयरमैन भी हैं। यात्रा दोनों मार्गों अनंतनाग जिले में पहलगाम ट्रैक और गांदरबल जिले में बालटाल मार्ग से एक साथ शुरू होगी और यह 9 अगस्त, 2025 को रक्षा बंधन पर समाप्त होगी।