
करीब दो करोड़ 88 लाख की जनसंख्या वाले हरियाणा में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रह रहे परिवारों की संख्या 52 लाख के नजदीक पहुंच चुकी है। एक परिवार में औसतन चार व्यक्तियों की संख्या को आधार माना जाए तो प्रदेश में दो करोड़ से अधिक लोग बीपीएल की श्रेणी में आ चुके हैं।
सरकार से मांगी गई पांच साल की रिपोर्ट
हरियाणा में बीपीएल की संख्या को लेकर पिछले कई माह से विवाद चल रहा है। नागरिक संसाधन सूचना विभाग की रिपोर्ट को लेकर विपक्ष सरकार को घेरता रहा है।
बुधवार को कांग्रेस विधायक पूजा ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से पांच साल की रिपोर्ट मांगी। कांग्रेस विधायक ने पांच वर्ष में बीपीएल की संख्या तथा सरकार द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयासों पर जवाब मांगा।
प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने इसके जवाब में बताया कि वर्ष 2020-21 में प्रदेश में बीपीएल परिवारों की संख्या आठ लाख 67 हजार 328 थी।
वर्ष 2021-22 में यह बढ़कर आठ लाख 78 हजार 329 हो गई। इसके बाद सरकार ने प्रदेश में नागरिक संसाधन सूचना विभाग का गठन किया, जिसकी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022-23 में बीपीएल परिवारों की संख्या बढ़कर 32 लाख 69 हजार 29 तक पहुंच गई।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023-24 में हरियाणा में बीपीएल परिवारों की संख्या 44 लाख 91 हजार 12 तक पहुंच गई। वर्ष 2024-25 के दौरान हरियाणा में बीपीएल परिवारों की संख्या 51 लाख 83 हजार 253 दर्ज की गई है।
आदित्य सुरजेवाला ने उठाया युवाओं के पलायन का मु्द्दा
वहीं कांग्रेस के विधायक आदित्य सुरजेवाला ने विधानसभा सत्र में विदेश में पलायन कर रहे युवा, हरियाणा कौशल रोजगार निगम भर्ती, कर्मचारी व खिलाड़ियों के अधिकारों को लेकर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि आज प्रदेश बेरोजगारी में नंबर एक पर है। रोजगार की तलाश में युवा अपनी जमीन बेचकर 40-40 लाख रुपये लगाकर विदेशों की तरफ पलायन कर रहे हैं। विदेश में जाकर भी उन्हें नौकरी नहीं मिल रही।
कई युवा मौत का शिकार हो रहे हैं तो कुछ युवाओं को वहां प्रताड़ित किया जा रहा। जो युवा वहां मौत का शिकार हो जाते हैं तो स्वजन को शव वापस भारत लाने के लिए फिर से लाखों रुपये देने पड़ते हैं।
भाजपा सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि युवाओं को अमेरिका से डिपोर्ट किया जा रहा, जो वर्क वीजा के आधार पर भी गए हुए हैं उन्हें भी प्रताड़ित किया जा रहा है। अपराधियों की तरह हथकड़ियां, बेड़ियां व चेन डालकर उन्हें भेजा जा रहा है।
आदित्य सुरजेवाला ने कहा कि सरकार एचकेआरएन के तहत युवाओं को छल रही है। सदन में यह नहीं बताया गया कि अगर कोई एचकेआरएन के तहत 2024 में नौकरी पर लगता है तो उसे फायदा मिलेगा 2029 के बाद यानी अगले विधानसभा चुनाव के बाद।
जब से यह कानून लाया गया उसके बाद कैथल व कुरुक्षेत्र से ही 350 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया है। पांच साल पूरा होने से पहले उन्हें हटा दिया जाता है ताकि वो पॉलिसी के तहत पक्का ही न हो सकें। उन्होंने कहा कि हरियाणा में साल 2021 के बाद खिलाड़ियों और कोचों को इनाम की राशि भी पूरी नहीं मिल पाई। यही नहीं, मेडल लाने वाले खिलाड़ी को नौकरी के लिए भी दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं।