
भारत में डायबिटीज और हाइपरटेंशन (High blood pressure) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ये दोनों समस्याएं न केवल दिल और दिमाग को प्रभावित करती हैं, बल्कि किडनी को भी गंभीर नुकसान (Kidney Damage) पहुंचाती हैं।
किडनी शरीर का एक जरूरी अंग है, जो ब्लड को फिल्टर करके टॉक्सिन्स को बाहर निकालने का काम करती है। लेकिन डायबिटीज और हाइपरटेंशन के कारण (Diabetes Impact) किडनी की फंक्शनिंग धीरे-धीरे कम होने लगती है, जो आगे चलकर किडनी डिजीज का कारण बन सकती है।
आइए World Kidney Day 2025 पर डॉ. अविनंदन बनर्जी (सीएमआरआई हॉस्पिटल, कोलकत्ता के सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट और ट्रांसप्लांट फिजिशियन) से जानते हैं कि कैसे ये दोनों कंडिशन्स किडनी को नुकसान पहुंचाती हैं और इनसे बचने (Kidney Health) के लिए क्या करना चाहिए।
डायबिटीज और हाइपरटेंशन किडनी को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं?
डायबिटीज में शुगर लेवल बढ़ने से किडनी की छोटी ब्लड वेसल्स डैमेज हो जाती हैं। इससे किडनी का फिल्टरेशन सिस्टम प्रभावित होता है और वह ठीक से काम नहीं कर पाती। इसी तरह, हाइपरटेंशन में हाई ब्लड प्रेशर के कारण किडनी की ब्लड वेसल्स पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे उन्हें नुकसान पहुंचता है। यदि इन स्थितियों को कंट्रोल न किया जाए, तो किडनी डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।
किडनी डिजीज के लक्षण और जांच
किडनी डिजीज की सबसे बड़ी समस्या यह है कि शुरुआती चरणों में इसके लक्षण साफ नहीं होते। जब तक लक्षण दिखाई देते हैं, तब तक किडनी की फंक्शनिंग काफी हद तक प्रभावित हो चुकी होती है। इसलिए जिन लोगों को डायबिटीज, हाइपरटेंशन, मोटापा, हार्ट डिजीज या स्ट्रोक की समस्या है, उन्हें नियमित रूप से किडनी की जांच करानी चाहिए। साथ ही, जिनके परिवार में किडनी डिजीज का इतिहास है, उन्हें भी सतर्क रहना चाहिए।
किडनी की जांच के लिए डॉक्टर आमतौर पर दो टेस्ट की सलाह देते हैं-
- यूरिन टेस्ट- इसमें यूरिन में प्रोटीन की मात्रा की जांच की जाती है। यूरिन में प्रोटीन का मौजूद होना किडनी डिजीज का संकेत हो सकती है।
- यूरिया क्रिएटिनिन टेस्ट- यह टेस्ट ब्लड में यूरिया और क्रिएटिनिन के स्तर को मापता है। इनका बढ़ा हुआ लेवल बताता है कि किडनी को नुकसान पहुंच रहा है।
किडनी को हेल्दी रखने के उपाय
- नियमित जांच- अगर आपको डायबिटीज, हाइपरटेंशन या अन्य संबंधित बीमारियां हैं, तो साल में कम से कम एक बार किडनी की जांच जरूर कराएं।
- बैलेंस्ड डाइट- नमक, शुगर और फैट कम मात्रा में खाएं। ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें।
- खूब पानी पिएं- पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से किडनी को टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
- फिजिकल एक्टिविटी- नियमित एक्सरसाइज करने से वजन कंट्रोल रहता है और ब्लड प्रेशर भी सामान्य बना रहता है।
- स्मोकिंग और शराब से दूरी- स्मोक करने और शराब पीने से किडनी को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए इनसे दूर रहें।