
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (एसजीपीसी) कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक 17 मार्च को चंडीगढ़ स्थित कार्यालय में सुबह 11 बजे से होगी। बैठक में एसजीपीसी प्रधान को लेकर अंतिम फैसला होने की संभावना है। वजह साफ है कि मार्च में होने वाला बजट इजलास तख्तों के सिंह साहिबानों की मौजूदगी में प्रधान की अध्यक्षता में होना होता है, जबकि मौजूदा प्रधान पद से इस्तीफा दे चुके हरजिंदर सिंह धामी का इस्तीफा अब तक पेंडिंग चल रहा है।
17 फरवरी को धामी ने दिया था इस्तीफा
धामी ने 17 फरवरी को इस्तीफा दिया था, 20 फरवरी को हुई कार्यकारिणी की बैठक में उनके इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं लिया गया था। दूसरी बार सात मार्च को हुई बैठक में भी इस्तीफा स्वीकार करने अथवा अस्वीकार करने के बजाय इसे पेंडिंग कर दिया गया था।
मौजूदा कार्यकारिणी की बैठक में धामी को इस्तीफा वापस लेना होगा, अगर धामी 17 मार्च की बैठक में भी इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं तो उनका इस्तीफा स्वीकार करके उनकी जगह किसी अन्य कार्यकारिणी सदस्य को कार्यकारी प्रधान घोषित करना होगा।
इन्हें बनाया जा सकता है कार्यकारी प्रधान
इसके तहत वरिष्ठ उपप्रधान रघुजीत सिंह विर्क को ही कार्यकारी प्रधान चुने जाने की चर्चा है क्योंकि मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मन्नण का सिख संगठनों द्वारा विरोध जारी है, कुलवंत के जालंधर स्थित निवास पर सिख संगठनों द्वारा धरना भी जारी है।
दूसरी तरफ, 28 मार्च के प्रस्तावित बजट इजलास से पहले-पहले कार्यकारिणी द्वारा किसी प्रधान का चयन करना जरूरी है। परंपरा व मर्यादा के अनुसार इजलास प्रधान की अध्यक्षता में होता है। इसलिए 17 की बैठक में प्रधान रहे हरजिंदर सिंह धामी का इस्तीफा स्वीकार करना होगा अथवा धामी की वापसी सुनिश्चत करनी होगी।
धामी की हो सकती है वापसी मनाने के प्रयास हैं जारी
अगर धामी इस्तीफा वापस ले लेते हैं और उनकी वापसी होती है तो कोई हैरानी नहीं होगी। बेशक धामी कह चुके हैं कि वह वापस यह जिम्मेदारी नहीं संभालेंगे लेकिन पंथक सूत्रों के अनुसार एसजीपीसी कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा उन्हें मनाने के प्रयास जारी हैं और हाईकमान का आदेश आने की स्थिति में धामी कमान फिर से संभाल भी सकते हैं।