भ्रष्टाचार का लगा है आरोप
क्यों दर्ज की गई एफआईआर?
भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, दिल्ली (एसीबी) ने आम आदमी पार्टी की पूर्व दिल्ली सरकार के तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के लिक्विडेटेड डैमेज (एलडी) जुर्माने को कथित रूप से माफ करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है।
सीसीटीवी लगाने में हुई देरी
वहीं, 23 अगस्त, 2019 को विभिन्न मीडिया लेखों में बताया गया कि तत्कालीन दिल्ली सरकार ने सीसीटीवी कैमरों को लगाने में देरी के लिए बीईएल और उसके ठेकेदारों पर 16 करोड़ रुपये का परिसमाप्त हर्जाना लगाया। हालांकि, शिकायत के अनुसार, न केवल 16 करोड़ रुपये का परिसमाप्त हर्जाना माफ किया गया, बल्कि बीईएल को अतिरिक्त 1.4 लाख कैमरे लगाने के आदेश भी दिए गए।
शिकायतकर्ता ने आगे बताया कि 7 करोड़ रुपये की रिश्वत राशि उन्हीं ठेकेदारों के माध्यम से दी गई, जिन्हें 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरों का अतिरिक्त ऑर्डर मिला था। ऐसी कई शिकायतें हैं, जिनमें कहा गया है कि सीसीटीवी लगाने का पूरा प्रोजेक्ट घटिया तरीके से किया गया और पीडब्ल्यूडी द्वारा प्रोजेक्ट को अपने हाथ में लेने के समय भी कई सीसीटीवी कैमरे खराब थे। रिश्वत का भुगतान अलग-अलग विक्रेताओं के माध्यम से किया गया और इन विक्रेताओं को दिए गए ऑर्डर के मूल्य में दिखावटी वृद्धि की गई।