
याचिका में लगाया गया था ये आरोप
जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस विकास सूरी की पीठ ने कहा कि प्रतिवादी संबंधित स्थल पर अलकेमिस्ट अस्पताल चला रहे हैं, जहां अतिरिक्त बुनियादी ढांचे को जोड़ा जाएगा, और इस प्रकार व्यापार और पेशा करने के अधिकार को मौजूदा याचिका के माध्यम से रोका नहीं जा सकता, जब तक कि याचिकाकर्ताओं के अधिकारों को स्पष्ट रूप से कोई ठोस क्षति सिद्ध न हो।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने की टिप्पणी
कोर्ट ने हरियाणा अनुसूचित सड़कें और नियंत्रित क्षेत्र अधिनियम, 1963 की कानूनी व्यवस्था का परीक्षण करते हुए पाया कि सेक्टर-21 को इस अधिनियम की धारा चार के तहत नियंत्रित क्षेत्र घोषित नहीं किया गया था, इसलिए धारा पांच के तहत आपत्तियां आमंत्रित करने की आवश्यकता नहीं थी।
हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
पार्किंग की समस्या को लेकर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि मल्टी-लेवल पार्किंग और अतिरिक्त फुटपाथ का निर्माण किया जाएगा।