
विधानसभा सत्र सदन में आज एक बार फिर संत सीचेवाल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त बहस हो गई। कांग्रेस लीडर प्रताप सिंह बाजवा शहीद भगत सिंह को भारत रत्न देने को लेकर प्रस्ताव लाना चाहते थे लेकिन स्पीकर ने कहा नियम कहते हैं कि इसके लिए 15 दिन का नोटिस देना होगा। इसके बाद कांग्रेस के विधायक विधानसभा से वॉक आउट कर गए। इसके बाद स्पीकर ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया है।
सता पक्ष विपक्ष के नेता से मांफी मंगवाने पर अड़ा
स्थगन के बाद सदन फिर से शुरू हुआ लेकिन दोनों पक्षों में बहस जारी रही। सत्ता पक्ष विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा से माफी मंगवाने पर अड़ा हुआ है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इन्होंने गुरुओं का अपमान किया है। संत सीचेवाल गुरू नानक साहिब जी धरती पर सेवा कर रहे हैं। कांग्रेस विधायकों ने एक बार फिर से वॉकआउट कर दिया।
इसके बाद वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि कल बजट पेश हुआ है। आज उस पर बहस होनी है। एक भी लाइन इनके पास बोलने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि अपनी बात कह कर भाग गए।
चीमा ने निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि भगत सिंह को भारत रत्न की बात आई तो प्रस्ताव लेकर आ गए। हमारी सरकार के हर दफ्तर में भगत सिंह का फोटो लगा है। इन्होंने अपनी सरकार के समय भगत सिंह को भारत रत्न क्यों नहीं दिया। हमने भगत सिंह के जिले नवां शहर में मेडिकल कालेज खोलने की घोषणा की है। चीमा ने कहा कि कांग्रेस के समय 400 करोड़ रुपये का एक्साइज घोटाला हुआ है मैं सारा रिकॉर्ड लेकर आया हूं। जिन्होंने संत लोगो का अपमान किया है उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया जाए।
वहीं मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि अगर प्रताप सिंह बाजवा शहीद भगत सिंह पर प्रस्ताव लाना चाहते हैं तो उस पर चर्चा करवा लें। बाजवा सो कॉल्ड लीडर ऑफ ऑपोजिशन हैं। इनके अपने विधायक कह रहे हैं कि जिसने कहा है कि वह माफी मांगे हम क्यों मांगें। इस पर ही वोटिंग करवा लो कि सीचेवाल संत हैं कि ठेकेदार।