
10 साल पुराने रिश्वत कांड में शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने चंडीगढ़ पुलिस के पूर्व डीएसपी आरसी मीणा और होटलियर अमन ग्रोवर को दोषी करार दे दिया। दोनों को शनिवार को सजा सुनाई जाएगी। वर्ष 2015 में सीबीआई ने डीएसपी मीणा को गिरफ्तार किया था।
उन पर सेक्टर 22 के चावला पेट्रोल पंप के मालिक की बेटी से 40 लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप थे। ये रिश्वत वे अमन ग्रोवर के साथ मिलकर मांग रहे थे। इस मामले में बर्कले कंपनी के मालिक संजय दहूजा भी आरोपित थे, लेकिन उन्हें सीबीआई ने सरकारी गवाह बना लिया था।
वहीं, एक अन्य आरोपित सब इंस्पेक्टर सुरिंदर कुमार की मौत हो गई थी तो उनके खिलाफ केस बंद हो गया था। फिलहाल कई साल से ये केस आरसी मीणा और अमन ग्रोवर के खिलाफ ही चल रहा था। शुक्रवार को जैसे ही अदालत का फैसला आया, सीबीआइ ने दोनों को हिरासत में लिया।
यह है पूरा मामला
सीबीआई के मुताबिक आरोपितों ने सेक्टर-9 की रहने वाली गुनीत कौर से उनके परिवार को एक एफआईआर में गिरफ्तार न करने की एवज में 75 लाख रुपये मांगे थे। गुनीत के पिता गुरकृपाल सिंह चावला, मां जगजीत कौर और भाई हरमीत चावला के खिलाफ 26 दिसंबर 2014 को धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था।
इस केस में दीपा दुग्गल नाम की महिला शिकायतकर्ता थी। पुलिस ने गुनीत के परिवार को गिरफ्तार करने का दबाव बनाना शुरू किया।ऐसे में अमन ग्रोवर, आरसी मीणा और अन्य आरोपितों ने मिलकर गुनीत से उसके परिवार को केस से बाहर निकलने के लिए रिश्वत मांगी। इस पर गुनीत ने सीबीआई को शिकायत दे दी। सीबीआई ने फिर ट्रैप लगाकर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
40 लाख नहीं 5 करोड़ मांगी थी रिश्वत
बता दें कि रिश्वत मामले में डीएसपी आरसी मीणा और अमन ग्रोवर की मुश्किलें अब काफी बढ़ गई हैं। अदालत अब सजा का फैसला सुनाएगी। वहीं, इससे पहले बताया जा रहा था कि 40 लाख नहीं, बल्कि रिश्वत के रूप में पांच करोड़ रुपये की मांग की गई थी। शिकायतकर्ता की गवाही से सीबीआई का केस और भी मजबूत हो गया था।
इस केस का ट्रायल पहले ही करीब पांच साल बाद शुरू हुआ। मामले में आरोपित पांच साल में करीब 40 याचिकाएं लगा चुके थे जिसकी वजह से केस का ट्रायल शुरू होने में देरी हुई।