
बीते 12 मार्च को जौनपुर महोत्सव के आखिरी दिन शाही किले में 1001 जोड़ों का सामूहिक विवाह हुआ था। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में धांधली सामने आई है। इसमें 1001 की बजाय कुल 1038 जोड़े शामिल हुए थे। जांच में मड़ियाहूं ब्लॉक के भाई-बहन सहित छह जोड़े अपात्र पाए गए हैं। इनके खातों में भेजी जाने वाली 35-35 हजार की धनराशि रोक दी गई है। इसके साथ ही सामूहिक विवाह के लिए जोड़ों का सत्यापन करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की तैयारी है। वर-वधुओं को आशीर्वाद देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में धांधली की बात सामने आने पर 21 मार्च के अंक में पेज नंबर पांच पर ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का शुरू हुआ सत्यापन’ शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था। हालांकि, उस समय प्रशासन स्तर से इसे सामान्य प्रक्रिया बताई गई थी।
डीएम ने की थी जांच कराने की बात
इसके बाद प्रदेश सरकार के आठ वर्ष पूर्ण होने पर जिले के प्रभारी व नगर विकास मंत्री एके शर्मा 25 मार्च को जनपद में आए थे। कलेक्ट्रेट सभागार में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मंत्री के समक्ष मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़े की बात रखी गई। इस पर जिलाधिकारी ने पहले तो ऐसे किसी मामले से इनकार किया, हालांकि बाद में कहा कि मामला संज्ञान में है इसकी जांच कराई जा रही है।
जांच में सामने आई गड़बड़ी
जिलाधिकारी ने 21 ब्लॉकों के लाभार्थियों का सत्यापन कराने का निर्देश दिया। जांच में सिकरारा ब्लॉक में दो, सिरकोनी, रामनगर, खुटहन व मड़ियाहूं में एक-एक जोड़ों के चयन में गड़बड़ी उजागर हुई। विवाह के दौरान दूल्हे की बजाय भाई को बिठाने का मामला मड़ियाहूं का ही है। जोड़ों के चयन में गड़बड़ी किस स्तर व कैसे की गई इसकी जांच अभी चल रही है।
छह जोड़े मिले अपात्र, जिम्मेदारों पर भी होगी कार्रवाई
मुख्य विकास अधिकारी साईं तेजा सीलम ने कहा कि सामूहिक विवाह योजना में शामिल जोड़ों का सत्यापन करा लिया गया है। छह जोड़े अपात्र मिले हैं। इनके बारे में जांच की जा रही है। 1032 लाभार्थियों के खातों में तीन करोड़, 61 लाख, 20 हजार रुपये की धनराशि भेज दी गई है। अपात्रों को शामिल करने वाले जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई की जाएगी।