
Jammu Kashmir Encounter: कठुआ जिले के जुथाना गांव में गुरुवार को हुई मुठभेड़ में तीन आतंकी मारे गए थे, जबकि पुलिस के तीन जवान बलिदान हुए थे। ये जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) के जवान थे।
वहीं, शुक्रवार सुबह जब मुठभेड़ स्थल (Kathua Encounter) पर पुलिस की तरफ से ड्रोन की मदद से जंगल में सर्च आपरेशन चलाया गया तो चौथे जवान का शव बरामद हुआ। उसकी पहचान जगवीर सिंह पुत्र भोलाराम, निवासी गांव मट्टू, खौड़, जम्मू के रूप में हुई। आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान जगवीर सिंह (Martyr Jagvir Singh) ने वीरगति पाई थी।
परिवार और गांव में छा गया मातम
शुक्रवार को जैसे ही यह सूचना बलिदानी के पैतृक गांव मट्टू पहुंची तो पूरे गांव में मातम छा गया। बलिदान हवलदार जगवीर सिंह के एक बेटा और एक बेटी है। बच्चों को यह नहीं पता है कि उनके पिता आतंकियों से लोहा लेते हुए बलिदान हो गए हैं।
वहीं, जगवीर सिंह की पत्नी सुमन चौधरी सदमे में हैं। परिवार वालों ने बताया कि जगवीर रोजाना ड्यूटी से खाली होने के बाद अपने घर जरूर फोन करते थे। इस दौरान वे अपने बेटे और बेटी से काफी देर तक बात करते।
दो दिन से घर नहीं किया था फोन
दो दिन से पति का फोन नहीं आने से सुमन बहुत परेशान थी। कठुआ में मुठभेड़ (Encounter in Kathua) की खबरें भी वह सुन रही थी। इसलिए वे किसी अनहोनी की आशंका से भी बहुत परेशान थी। बच्चे भी उससे बार-बार पूछ रहे थे कि पापा फोन क्यों नहीं कर रहे हैं, लेकिन वह उनको कुछ जवाब नहीं दे पा रही थी।
आखिरकार शुक्रवार को जब उसे जगवीर के बलिदान होने की सूचना मिली तो वह बेसुध हो गई। उसका रो-रोकर बुरा हाल था। परिवार वालों के लिए उसे संभालना मुश्किल हो रहा था।
वहीं, बलिदानी जगवीर सिंह के भतीजे अंकुश चौधरी ने बताया कि उसके चाचा बहुत दिलेर और हंसमुख स्वभाव के व्यक्ति थे। वे मट्टू गांव की शान थे। अपनी गांव के युवाओं को भी देश की सेवा करने के लिए सुरक्षाबल में शामिल होने के लिए प्रेरित करते थे।