
काफी लंबे समय से लंबित चल रही नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) का आधुनिक लाइब्रेरी दिल्ली सरकार के 100 दिन के एजेंडे में शामिल हो गई है। ऐसे में सरकार ने इसका कार्य अब हर हाल में 31 मई तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। यह दिल्ली की पहली इस तरह की सरकारी लाइब्रेरी है।
लाइब्रेरी बनाने में कितना आएगा खर्च?
लाइब्रेरी की अनुमानित राशि शुरुआत में 6.8 करोड़ थी, लेकिन पुस्तकालय में हॉल और काफी सुविधाओं से युक्त करने की वजह से इसकी लागत अब 14.6 करोड़ हो गयी है। इसमें फर्नीचर से लेकर अग्निशमन से बचने के उपाय और अन्य सिविल कार्य शामिल हैं। पहले इसका कार्य वर्ष की पहली तिमाही में पूरा करने का लक्ष्य रखा था।
750 वर्गमीटर में बन रही लाइब्रेरी
एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत चहल ने बताया कि दिसंबर माह में हुई परिषद की बैठक में इसके लिए 14.6 करोड़ की राशि मंजूर की गई थी। इसके अनुसार अब कार्य चल रहा है। मंदिर मार्ग पर स्थिति जय प्रकाश नारायण पुस्तकालय में एक भूतल और दो मंजिला इमारत है।
30 हजार पुस्तकें और बैठ सकेंगे 200 लोग
इसमें प्रत्येक फ्लोर पर 750 वर्गमीटर में पुस्तकालय विकसित किया जा रहा है। इसमें 30 हजार पुस्तकों के साथ 200 लोगों लिए हॉल होगा। साथ ही 30 पाठक एक समय में बैठ सकें इसकी सुविधा होगी। वर्ष 2020 में इस योजना का विचार आया था, लेकिन पिछले वर्ष ओल्ड राजेंद्र नगर में यूपीएससी अभ्यर्थियों की प्राइवेट कोचिंग में डूबने से हुई मृत्यु के बाद इस प्रकार की लाइब्रेरी की जरुरत बढ़ गई है।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में अभ्यर्थियों को मिलेगी मदद
एनडीएमसी के अनुसार पांच लाख से अधिक ई-पुस्तकों की कैटलाग भी इसमें होगा। इसमें हर फ्लोर पर जाने के लिए लिफ्ट भी है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने पहले मंदिर मार्ग पर जेपीएन लाइब्रेरी परियोजना पर विचार किया। इसके लिए सीपडब्ल्यूूडी ने एनडीएमसी को 2016 में 2.16 करोड़ रुपये दिए थे।
शेष राशि का वहन एनडीएमसी स्वयं के राजस्व से कर रहा है। लुटियंस दिल्ली में में मंदिर मार्ग यह करोल बाग से एक से डेढ़ किलोमीटर ही दूरी पर है। ऐसे में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए यह उपयोगी साबित हो सकती है। एनडीएमसी इस तरह के पहले प्रयोग के बाद दूसरे इलाकों में ही ऐसे पुस्तकालय विकसित करने का कार्य करेगा।