
दिल्ली के कारोबारी सरदार गुरप्रीत सिंह सहित 10 लोगों ने फरीदकोट के अंतिम राजा हरिंदर सिंह बराड़ की 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति में हिस्सा मांगते हुए चंडीगढ़ जिला अदालत में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि वे राजा की बेटी राजकुमारी महीप इंदर कौर के कानूनी उत्तराधिकारी हैं।
वसीयत के आधार पर मांगी हिस्सेदारी
उन्होंने महीप इंदर कौर की 11 दिसंबर 1995 की वसीयत और अन्य दस्तावेजों के आधार पर संपत्ति में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी की मांग की है। याचिकाकर्ताओं ने अदालत से संपत्तियों की सूची तैयार कर उन्हें कानूनी रूप से बांटने की मांग की है। राजा की संपत्तियों में फरीदकोट का राज महल, किला मुबारक, दिल्ली का फरीदकोट हाउस, चंडीगढ़ का एक प्लाट और मनीमाजरा का किला शामिल है।
कौन था फरीदकोट के राजा का वारिस
हरिंदर सिंह बराड़ की मौत के बाद उनकी मां महारानी मोहिंदर कौर और तीन बेटियां अमृत कौर, दीपइंदर कौर और महीप इंदर कौर कानूनी वारिस थीं। 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने राजा की संपत्ति पर दावा करने वाले महारावल खेवाजी ट्रस्ट को अवैध करार देते संपत्ति उनकी बेटियों में बांटने के आदेश दिए थे।
समृद्धि का प्रतीक रही है फरीदकोट रियासत
हजारों करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति वाली फरीदकोट रियासत समृद्धि का प्रतीक रही है। रियासत के शासक शुरूआती दौर में मुगल सम्राट के करीबी रहे और बाद में अंग्रेजों के करीबी बने। इसी निकटता के कारण छोटी सी रियासत अकूत संपत्ति की मालिक बनी। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेज हुकुमत को भी रियासत ने कर्ज ही नहीं दिया बल्कि लड़ाई में भाग लेने के लिए सैनिक व सोजो-समान भी मुहैया कराए।
रियासत के राजाओं ने शिक्षा, सेहत, पर्यावरण, बिजली, पेयजल व खूसूरत इमारतों पर खूब काम किया जो आज भी लोगों के लिए प्रेरणासोत्र है। शहर से गंदे पानी की निकासी व लोगों के पेयजल सप्लाई के लिए जो तकनीक रियासत ने अपनाई थी, उसका काट आज भी मार्डन तकनीक नहीं खोज पाई है।
रियासत में भीख मांगने पर थी पाबंदी
फरीदकोट रियासत के अंतिम राजा हरिंदर सिंह एक अच्छे प्रबंधक के रूप में प्रसिद्ध हुए। उन्होंने अपनी रियासत में भीख मांगने पर पूर्ण तौर पर पाबंदी लगाई हुई थी। देश के बंटवारे के समय उन्होंने अपनी रियासत में एक भी दंगा, लूटपाट तथा कत्ल नहीं होने दिया। पाकिस्तान जाने वाले परिवारों को पूरी हिफाजत से भेजा गया।