
उल्लेखनीय है कि भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर द्वारा राज्य भर में किसान महापंचायतें करने की घोषणा की गई है। जिसकी शुरुआत गुरुवार को जगजीत सिंह डल्लेवाल के गांव डल्लेवाला में किसान महापंचायत करके की गई।
छह हजार किसान पहुंचे
इस दौरान कीर्तन उपरांत जगजीत सिंह डल्लेवाल के बेहतर स्वास्थ्य को लेकर अरदास भी की गई। दूसरी ओर पुलिस द्वारा सुरक्षा के उचित प्रबंध किए गए थे।
क्योंकि जब तक एमएसपी का कानून नहीं बनेगा तब तक राज्य में किसी भी कीमत पर पंजाब में खेती विविधता नहीं आ सकती। बिना विविधता के लोग धान की फसल छोड़ कर अन्य फसल की ओर नहीं जाएंगे।
‘पंजाब में सिर्फ 15 साल का पानी’
पंजाब में जितनी धान की बिजाई को रही है उसे देखते हुए विशेषज्ञों के अनुसार पंजाब में अधिक से अधिक 15 वर्षाें का पानी रह गया है। इसके पश्चात पंजाब की रोजी-रोटी भी जाएगी और पानी भी जाएगा।
यही कारण है कि एमएसपी गारंटी कानून की लड़ाई देखने को हमारी लग रही है परंतु वास्तव में यह समूचे पंजाबवासियों की लड़ाई है।
डल्लेवाल ने पंजाब के नौजवानों का धन्यवाद करते हुए कहा कि जब उन्होंने आमरण अनशन का निर्णय लिया था तब उन्होंने आखिरी दम तक लड़ाई लड़ने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि यहां से सरकार ने उठा लिया तो हम मोर्चा हार जाएंगे परंतु यदि सरकार को पीछे हटा दिया तो हम जीत जाएंगे।
‘सरकार ने की धक्केशाही’
लेकिन तीन महीने तक लगताार मोर्चा सफलतापूर्वक चला और नौजवानों की बदौलत हम पीछे नहीं हटे बल्कि सरकार ने धक्केशाही की। उन्हाेंने कहा कि बैठकों का दौर शुरु होने के पश्चात उन्हें सरकार से इस तरह की कार्यवाही की उम्मीद नहीं थी और सरकार पर विश्वास किया परंतु सरकार ने कायराना हरकत करते हुए यह कार्रवाई की।
लेकिन उन्हें इस बात का संतोष है कि संघर्ष की बदौतल एमएसपी न सिर्फ मुद्दा बना बल्कि सड़क से चल कर संसद तक पहुंचा। इतना ही नहीं विपक्षी दलों व नेता को भी इस मुद्दे पर बोलना पड़ा। उन्हाेंने कहा कि कुछ फसलों पर एमएसपी की घोषणा तो हुई परंतु संपूर्ण एमएसपी की लड़ाई जारी रहेगी।
इसी के चलते राज्य भर में दस महापंचायतें की जाएंगी और वे इसी हालत में पहा जाएंगे। मांगों को लेकर केंद्र के साथ बात करवाने के मुख्यमंत्री के ब्यान पर उन्होंने कहा कि उन्हें उन पर कोई विश्वास नहीं है।