
विटामिन-डी सप्लीमेंट्स क्यों जरूरी हैं? (Why Vitamin-D is Important?)
विटामिन-डी शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस के अब्जॉर्प्शन में मदद करता है, जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस, मांसपेशियों में कमजोरी, थकान और यहां तक कि डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। क्योंकि खाने से भरपूर मात्रा में विटामिन-डी मिलना मुश्किल है और धूप लेने के लिए समय निकाल पाना भी हर किसी के लिए मुमकिन नहीं होता, इसलिए सप्लीमेंट्स एक अच्छा ऑप्शन हैं। हालांकि, इसे बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेना चाहिए।
विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेने का सही समय (Right Time To Take Vitamin-D)
विटामिन-डी एक फैट-सॉल्युबल विटामिन है, यानी यह फैट में घुलकर शरीर में अब्जॉर्ब होता है। इसलिए इसे खाने के साथ लेना चाहिए, खासकर ऐसी डाइट के साथ जिसमें हेल्दी फैट्स मौजूद हों, जैसे-
- अंडे की जर्दी
- एवोकाडो
- नट्स और बीज
- ऑलिव ऑयल
- फैटी फिश (सालमन, मैकेरल)
सुबह या शाम- कब लें?
विटामिन-डी की सही खुराक
विटामिन-डी की खुराक व्यक्ति की जरूरत पर निर्भर करती है। कुछ लोगों को डॉक्टर रोजाना छोटी खुराक (1000-2000 IU) देते हैं, जबकि कुछ को वीकली हाई-डोज (50,000 IU) दी जाती है। अगर आप रोज की खुराक ले रहे हैं, तो सुबह नाश्ते के साथ लेना बेहतर होता है। वहीं, अगर साप्ताहिक खुराक ले रहे हैं, तो एक निश्चित दिन और समय चुनकर उसे फॉलो करें।
किन बातों का ध्यान रखें?
- डॉक्टर की सलाह के बिना सप्लीमेंट न लें- विटामिन-डी टॉक्सिसिटी भी हानिकारक हो सकती है, जिससे किडनी स्टोन, उल्टी और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- नियमित जांच कराएं- समय-समय पर ब्लड टेस्ट कराकर अपने विटामिन-डी के स्तर की जांच करते रहें।
- हेल्दी डाइट और धूप लें- सप्लीमेंट्स के साथ-साथ नेचुरल सोर्स से भी विटामिन-डी लेने की कोशिश करें।