
क्राइम यूनिट को सूचना मिली थी कि भैरा-बांकीपुर का रहने वाला सोनू और अमित प्रतिबंधित दवाएं बेचने का काम करते हैं। दोनों केजीपी के रास्ते से कार में दवा लेकर अपने गांव की ओर जाएंगे। सूचना के बाद टीम ने डीआई संदीप कुमार को मौके पर बुलाया, जिसके बाद बढखालसा मोड़ पर नाकाबंदी कर दी।
प्रतिबंधित कोरेक्स की 60 शीशी मिली
वहीं, पास में रखे दो डिब्बों में 432 कैप्सूल मिले जिसके बाद टीम ने दवाओं को कब्जे लेकर आरोपियों को हिरासत में लिया। थाना राई पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
नशे की लत में बन गए नशीली दवाओं के सप्लायर
इसके बाद तस्करी करने लगे तो बड़ी मात्रा में उनको दवाइयों की जरूरत पड़ी। अब वह मेरठ से कोरेक्स और कैप्सूल लेकर आए थे। वह इसमें से कुछ दवा अपने लिए नशे में प्रयोग करते हैं बाकी को वह आसपास के गांवों में नशा करने वालों को बेच देते थे।
केएमपी पर पकड़ी जा चुकी 38 हजार प्रतिबंधित कफ सिरप
सोनीपत में ये पहली बार नहीं है कि प्रतिबंधित दवा पकड़ी गई हो। यहां प्रतिबंधित दवाओं की लगातार सप्लाई हो रही है। नशा माफिया यहां लगातार एक्टिव है। करीब आठ महीने पहले हरियाणा स्टेट नारर्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने नशीली दवाओं से भरा एक कंटेनर पकड़ा था।
नशीली दवाओं से भरा कंटेनर लावारिस हालत में केएमपी पर राई से बहादुरगढ़ की तरफ खड़ा मिला था, जिसमें से 76.80 हजार रुपये कीमत की 38, 400 कोडिन फास्फेट कफ सिरप की शीशियां बरामद हुई थी। वहीं, दो महीने पहले कुंडली की ही क्राइम यूनिट ने कोट मोहल्ला के एक घर से प्रतिबंधित कोरेक्स की एक हजार शीशियां बरामद की थी। टीम को कोट मोहल्ला के राम मंदिर के पास रहने वाला सन्नी अपने घर में प्रतिबंधित दवाइयों का कारोबार करता मिला था।
वहीं, करीब आठ महीने पहले स्थानीय स्तर पर एजेंट तैयार कर रहे नशा माफिया हाल में पकड़े गए कई तस्करों ने कबूल किया है कि वे बाहर से आने वाले मादक पदार्थ को ठिकाने तक पहुंचाते हैं। सामने आया है कि नशा माफिया जिले में अपना नेटवर्क मजबूत करने के लिए स्थानीय स्तर पर अपने एजेंट तैयार कर रहे है, जो जिले में सप्लाई का काम देखते हैं। नशा माफियाओं के ऐसे कई एजेंट को एसटीएफ पकड़ चुकी है।