
डायर वुल्फ क्या थे और कैसे विलुप्त हुए?
क्यों विलुप्त हो गए थे डायर वुल्फ?
वैज्ञानिकों के अनुसार, इनके विलुप्त होने के दो मुख्य कारण थे-
- शिकार की कमी- डायर वुल्फ मुख्य रूप से बड़े शिकार जैसे बाइसन और मैमथ पर निर्भर थे, जो खुद विलुप्त हो गए। इसलिए शिकार की कमी की वजह से ये धीरे-धीरे विलुप्त हो गए।
- मानव शिकार- इंसानों के बढ़ते दबाव ने इनकी आबादी को खत्म कर दिया।
कैसे वापस लाए गए डायर वुल्फ?
इस असंभव-सी लगने वाली बात को को कोलोसल बायोसाइंसेज नामक बायोटेक कंपनी ने सफल बनाया। उन्होंने ‘डी-एक्सटिंक्शन’ (De-Extinction) तकनीक का इस्तेमाल करते हुए 2021 में डायर वुल्फ के जीवाश्मों से प्राचीन डीएनए निकाला। आधुनिक ग्रे वुल्फ के 20 जीनों में बदलाव करके डायर वुल्फ की विशेषताएं जैसे बड़ा आकार, घना फर और मजबूत हड्डियां शामिल की गईं। मॉडिफाइड एंब्रोज को सरोगेट कुत्तों में डाला गया, जिसके बाद तीन स्वस्थ डायर वुल्फ शावक पैदा हुए। इनके नाम रोमुलस, रेमुस और खलीसी रखे गए।
नए डायर वुल्फ की खासियतें
- ये आम ग्रे वुल्फ से 20% बड़े हैं।
- इनका फर सफेद और घना है, जो ठंडे मौसम के अनुकूल है।
- हालांकि, ये 100% डायर वुल्फ नहीं हैं, क्योंकि इनमें केवल 20 जीन ही बदले गए हैं, जबकि असली डायर वुल्फ में 80 अलग जीन होते थे।
यह तकनीक क्यों खास और जरूरी है?
यह तकनीक विलुप्त हो रही प्रजातियों को बचाने में मदद कर सकती है, जैसे रेड वुल्फ और टस्कनी लायन। इससे इकोसिस्टम को संतुलित करने में भी मदद मिल सकती है। कंपनी अब 2028 तक वूली मैमथ को वापस लाने की योजना बना रही है।