
खालसा पंथ के स्थापना दिवस बैसाखी पर पाकिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर के 261 श्रद्धालुओं का वीजा मिला है। वीजा के लिए 261 ने ही आवेदन किया था। लंबे अरसे के बाद यह पहला मौका है जब आवेदन करने वाले सभी को वीजा मिला है। अन्यथा कभी भी आवेदन करने वाले सभी श्रद्धालुओं को वीजा नहीं मिला है।
मंगलवार को ही बांट दिए गए वीजा
मंगलवार को गुरुद्वारा बाबा फतेह सिंह गांधीनगर जम्मू में श्रद्धालुओं को वीजा लगे पासपोर्ट वितरित कर दिए गए। जम्मू से श्रद्धालुओं का जत्था नौ अप्रैल रात नौ बजे अमृतसर के लिए रवाना होगा। 10 अप्रैल को जत्था अमृतसर से बाघा सीमा से जत्था पाकिस्तान में प्रवेश करेगा। बैसाखी पर श्रद्धालुओं को पाकिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन करने का मौका हासिल होगा जिसमें गुरुद्वारा पंजा साहिब, गुरुद्वारा डेरा साहिब, गुरुद्वारा ननकाना साहिब व अन्य गुरुद्वारे शामिल हैं।
सभी आवेदनकर्ताओं को मिले वीजा
उल्लेखनीय है कि श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव, श्री गुरु अर्जन देव जी के शहीदी दिवस, बैसाखी पर श्रद्धालुओं को पाकिस्तान जाने का मौका मिलता है। अक्सर आवेदन करने वाले सभी यात्रियों को वीजा नहीं मिलता है। कुछ छूट जाते हैं। यात्रा के लिए वीजा का कई सालों से प्रबंध करते आ रहे शमशेर सिंह चौहालवी ने बताया कि यह बहुत ही खुशी की बात है कि पाकिस्तान ने सभी आवेदन करने वालों को वीजा दे दिया है।
इससे संगत में उत्साह है। ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शनों को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह रहता है। श्रद्धालुओं के जत्थे को रवाना करने के लिए जिला गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य बुधवार को गुरुद्वारा बाबा फतेह सिंह गांधी नगर में आएंगे। अरदास के बाद जत्थे को रवाना किया जाएगा। बसों या अपने वाहनों में श्रद्धालु अमृतसर जाएंगे और वहां पर पंजाब सहित अन्य प्रदेशों के श्रद्धालु पहुंच जाएंगे।