
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और महासचिव जगदीप सिंह काहलों ने 19 और 20 अप्रैल को आयोजित किए जा रहे दिल्ली फतेह दिवस कार्यक्रमों के लिए लाल किले पर चल रही तैयारियों की समीक्षा की।
क्या है इतिहास?
उन्होंने कहा कि वर्ष 1783 में बाबा बघेल सिंह, बाबा जस्सा सिंह आहलूवालिया और बाबा जस्सा सिंह रामगढ़िया के नेतृत्व में खालसा सेना ने मुगल सेना को हराकर लाल किले पर भगवा ध्वज फहराया था। इसी की याद में दिल्ली फतेह दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी यह दिवस लाल किले पर मनाया जाएगा।
19 अप्रैल को किया जाएगा आयोजन
उन्होंने बताया कि पहले दिन 19 अप्रैल को शाम छह बजे से 12 बजे तक कीर्तन दरबार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें रग्गी जत्थे गुरुबाणी गाकर श्रोताओं का मनोरंजन करेंगे।
अगले दिन 20 अप्रैल को छत्ता पुल से एक आम मार्च निकाला जाएगा, जिसमें गुरु के प्यारे निहंग सिंह जत्था और अन्य संगठनों की टीमें भाग लेंगी और मार्च का समापन लाल किले पर होगा।
उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली के कोने-कोने से बसों की व्यवस्था की गई है। लोग अपने क्षेत्र में डीएसजीएमसी सदस्यों से संपर्क कर कार्यक्रम स्थल तक पहुंच सकते हैं। श्रद्धालुओं को कार्यक्रम स्थल तक लाने के साथ ही उन्हें वापस घर पहुंचाने की भी व्यवस्था की जाएगी।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी 19 और 20 अप्रैल को दिल्ली फतेह दिवस का आयोजन लाल किले पर कर रही है। यह दिवस 1783 में बाबा बघेल सिंह के नेतृत्व में खालसा सेना द्वारा मुगल सेना को हराकर लाल किले पर भगवा ध्वज फहराने की याद में मनाया जाता है। इस दौरान कीर्तन दरबार और एक मार्च का आयोजन किया जाएगा जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे।