
क्या बढ़ेगी ईवी वाहनों की बिक्री?
क्यों ईवी वाहन नहीं खरीद रहे लोग?
इस नीति को तीन महीने के लिए टाल दिया गया है। यहां बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहन आम लोग लोग इसलिए भी नहीं खरीद रहे हैं कि पेट्रोल या सीएनजी वाहन से ये वाहन काफी महंगे पड़ रहे हैं। दिल्ली में दूसरी समस्या चार्जिंग की आ रही है। जिसमें बैटरी स्वैप चार्जिंग के तहत बैटरी अदला बदली करने की प्रणाली काफी महंगी साबित हो रही है।
चार्जिंग स्टेशनों पर करना होगा फोकस
यहां समस्या व्यावसायिक व सार्वजनिक सेवा वाहनों के लिए चार्जिंग व्यवस्था का पर्याप्त उपलब्ध न होना भी है। इसके अलावा एक वाहन को चार्ज करने में दो से तीन घंटे का समय लगता है। इनकी मानें तो उनके वाहन की 30 पर्सेंट बैटरी शेष रहने के बाद ही चालक यह ढूंढने में लग जाते हैं कि की चार्जिंग स्टेशन कहां है, फिर तीन घंटे चार्जिंग के दौरान खराब होते हैं। इस दौरान उसका काम भी बंद रहता है।
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दूसरे चार्जिंग के लिए उन्हें बिजली का व्यावसायिक मीटर लगवाना पड़ेगा। घर के लिए लगे मीटर से वे ऐसे वाहन चार्ज नहीं की सकते हैं।
जिस पर बचे हुए 3