
“डाइट चार्ट बनवाना है, पर किससे? डाइटिशियन या न्यूट्रिशनिस्ट?” ये सवाल आजकल बहुत से लोगों के दिमाग में घूमता है। सोशल मीडिया पर हेल्दी रेसिपीज और फिटनेस टिप्स की भरमार है, लेकिन जब बात खुद की सेहत की आती है, तो सही एक्सपर्ट चुनना बहुत जरूरी हो जाता है।
सोचिए, आप वजन घटाना चाहते हैं, लेकिन आपके दोस्त कहते हैं किसी न्यूट्रिशनिस्ट से मिलो, जबकि डॉक्टर आपको डाइटिशियन की सलाह लेने को कहता है। अब आप असमंजस में हैं कि आखिर दोनों में फर्क क्या है?
अगर आपके मन में भी यही सवाल है, तो चिंता मत कीजिए। आज हम आपको आसान भाषा में समझाएंगे कि डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट में फर्क क्या है (Dietitian vs Nutritionist Difference), कौन क्या करता है और आपको किसके पास जाना चाहिए।
डाइटिशियन कौन होता है?
डाइटिशियन एक ऐसा हेल्थ प्रोफेशनल होता है जिसे विशेष रूप से लोगों को डाइट से जुड़ी मेडिकल सलाह देने के लिए ट्रेंड किया गया होता है। वे अलग-अलग बीमारियों जैसे डायबिटीज, हार्ट डिजीज, किडनी प्रॉब्लम आदि के हिसाब से डाइट प्लान बनाते हैं।
योग्यता: भारत में डाइटिशियन बनने के लिए व्यक्ति को B.Sc. in Nutrition & Dietetics या इससे जुड़ा कोर्स करना होता है। इसके बाद वे रजिस्टर्ड डाइटिशियन (RD) की परीक्षा देकर प्रमाणित होते हैं।
काम का क्षेत्र: हॉस्पिटल्स, क्लिनिक, हेल्थ केयर सेंटर या स्पेशल मेडिकल केसेज
न्यूट्रिशनिस्ट कौन होता है?
न्यूट्रिशनिस्ट वह होता है जो लोगों को सामान्य पोषण और हेल्दी लाइफस्टाइल की सलाह देता है। ये लोग फिटनेस, वजन घटाने, वजन बढ़ाने या हेल्दी खाने के तरीकों पर फोकस करते हैं।
योग्यता: न्यूट्रिशनिस्ट बनने के लिए कई बार किसी खास डिग्री की जरूरत नहीं होती, लेकिन अधिकतर लोग न्यूट्रिशन या हेल्थ साइंस से जुड़ी पढ़ाई करते हैं।
कब जाना चाहिए किसके पास?
अगर आपको कोई मेडिकल समस्या है जैसे डायबिटीज, हाई बीपी, थायरॉइड या पाचन समस्या, तो डाइटिशियन की सलाह लें। अगर आप बस फिट रहना चाहते हैं, वजन घटाना या बढ़ाना चाहते है या हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहते हैं, तो न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह आपके लिए बेहतर है।
डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट, दोनों ही आपकी सेहत के लिए जरूरी हो सकते हैं, बस जरूरत है सही वक्त पर सही एक्सपर्ट चुनने की। तो अगली बार जब आप अपने खानपान को लेकर कोई फैसला लें, तो पहले यह जरूर सोचें कि आपको किसकी सलाह की जरूरत है।