
जम्मू-कश्मीर के मशहूर पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले की अकाल तख्त ने कड़ी निंदा की है। अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज्ज ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं।
पिछले कई वर्षों में कश्मीर में नागरिकों पर हुए सबसे भीषण आतंकी हमलों में से एक में पहलगाम के बैसरन मैदान में मंगलवार को आतंकवादियों ने कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई। इनमें जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
इस दुखद घटना से उन्हें गहरा दुख पहुंचा है और उन्हें मार्च 2000 में कश्मीर के चित्तीसिंहपुरा में हुए नरसंहार की याद दिला दी है, जिसमें 35 सिख मारे गए थे। उन्होंने पहलगाम घटना में न्याय की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि चित्तीसिंहपुरा हत्याकांड के पीछे की सच्चाई भी सामने आनी चाहिए ताकि प्रभावित परिवारों को अंततः न्याय मिल सके।
इन जगहों से हुआ हमला
पहलगाम में मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। हमला उस समय हुआ जब जब बैसरन घाटी में बड़ी में पर्यटक मौजूद थे। मृतकों में उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटक हैं। नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात के एक-एक टूरिस्ट और 2 स्थानीय भी मारे गए।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस जघन्य घटना में 26 लोगों की जान चली गई जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। अकाल तख्त ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। इस घटना ने कश्मीर में नागरिकों पर हुए सबसे भीषण आतंकी हमलों में से एक के रूप में चिह्नित किया है।