
पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत ने पांच बड़े फैसले लिए हैं, जिससे पाकिस्तान बौखला उठा है। इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आज नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NSC) की बैठक बुलाई। इस बैठक में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पैदा हुई स्थिति पर चर्चा की गई।
चर्चा ये भी की गई कि भारत फिलहाल कौन से कदम उठा सकता है। बता दें कि भारत ने बुधवार को सिंधु जल संधि पर रोक लगा दी है। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने गीगद भभकी देते हुए चेतावनी दी कि अगर भारत ने पाकिस्तान के हिस्से का पानी रोकने की कोशिश की तो इसे युद्ध की कार्यवाही मानी जाएगी। पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि सिंधु जल संधि को रोककर भारत ने अंतरराष्ट्रीय नियमों और UN प्रस्तावों का उल्लंघन किया है।
पाकिस्तान ने क्या फैसले लिए?
भारत के पांच अहम फैसले के बदले पाकिस्तान ने बदले की भावना की कार्रवाई करते हुए कुछ फैसले लिए।पाकिस्तान ने वाघा बॉर्डर बंद कर दिया है। वहीं, भारत से आने-जाने वाले लोगों की आवाजाही पर भी रोक लगा दी। जो लोग वैध वीजा से पाकिस्तान गए हैं, उन्हें 30 अप्रैल तक वापस लौटने को कहा गया है। इसके अलावा भारतीय एयरलाइनों के लिए पाकिस्तान का एयरस्पेस तत्काल बंद करने का फैसला लिया गया।
अब ये जान लें कि भारत ने मंगलवार को क्या पांच बड़े फैसले लिए?
- 960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित रहेगी, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।
- एकीकृत चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 01 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।
- पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाएगा। एसवीईएस वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।
- नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है। पाकिस्तान में मौजूद भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को भारत वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाया जाएगा।
- उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जिसे 01 मई 2025 तक और कम किया जाएगा।