
राजा इकबाल सिंह ने दिल्ली की सफाई व्यवस्था से लेकर वायु प्रदूषण और कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने का कार्य अपनी प्राथमिकता में बताया है। साथ ही सदन में तीनों दलों को साथ लेकर चलने और बिना किसी भेदभाव से काम करने का ऐलान महापौर ने किया।
कूड़ा उठाने के एवज में यूजर चार्ज शुरू किया था
दैनिक जागरण से बातचीत में राजा इकबाल सिंह ने कहा कि एक अप्रैल से आप की सरकार ने अधिकारियों के साथ मिलकर पिछले दरवाजे से घर-घर से कूड़ा उठाने के एवज में यूजर चार्ज संपत्तिकर के साथ लेना शुरू कर दिया। भाजपा की सरकार इस यूजर चार्ज को वापस कराएगी। उन्होंने कहा कि आप की सरकार में दिल्ली की सफाई व्यवस्था से लेकर स्कूलों की व्यवस्था और अस्पतालों की स्थिति बहुत खराब हो गई थी। ऐसे में चरणबद्ध तरीके से इसमें सुधार किया जाएगा।
स्थायी समिति और अन्य समितियों का गठन किया जाएगा
उन्होंने कहा कि वह दफ्तर में नहीं बल्कि सड़कों पर नजर आएंगे और जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो इसलिए उनकी सरकार यह कोशिश की करेगी समय से नालों की सफाई हो जाए। साथ ही जलभराव के जो स्थान हैं उनके निरीक्षण अधिकारियों के साथ किए जाएंगे ताकि जलभराव न हो। उन्होंने यह भी कहा कि एक माह में स्थायी समिति और अन्य समितियों का गठन कर दिया जाएगा। कूड़े के पहाड़ों को खत्म कराने का काम भी भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार करेगी।
दिल्ली वालों के बचेंगे 600 से लेकर 2400 रुपये सालाना
नव निर्वाचित महापौर राजा इकबाल सिंह ने यूजर चार्ज वसूलने को बंद करने की घोषणा से दिल्ली के उन संपत्ति मालिकों को राहत मिलेगी जो अपनी संपत्तियों का रिहायशी उपयोग कर रहे हैं। इससे दिल्ली के संपत्ति मालिकों को 600 रुपये से लेकर 2400 रुपये सालाना की बचत होगी। दिल्ली सरकार द्वारा अधिसूचित ठोस कूडा़ प्रबंधन उपनियमों के तहत 50वर्ग तक की संपत्ति पर 50 रुपये मासिक तो वहीं 50 से 200 वर्ग मीटर तक की संपत्ति पर 100 रुपये मासिक और 200 वर्ग तक की संपत्ति पर 200 रुपये मासिक वसूलने का प्रविधान है। चूंकि निगम संपत्तिकर के साथ इसे वसूल कर रहा है तो सालाना शुल्क एक साथ ले ले रहा है। ऐसे में रिहायशी संपत्तियों पर यह शुल्क हटेगा तो दिल्ली में संपत्ति मालिकों को 600 रुपये से लेकर 2400 रुपये की सालाना बचत होगी।
यह होंगी भाजपा सरकार की चुनौतियां
- दिल्ली में समय से नालों की सफाई, जर्जर भवनों की पहचान और जलभराव न हो इसकी व्यवस्था करना
- 14 हजार करोड़ रुपये का कर्जा निगम के ऊपर हैं इसे चुकाना भी भाजपा सरकार की चुनौती होगी
- कर्मचारियों और अधिकारियों को समय से वेतन जारी करना और उनके बकाये का भुगतान करना
- विभिन्न विभागों में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को समयबद्ध तरीके से नियमित करना
- कूड़े के पहाड़ों को खत्म कराना और दिल्ली की सफाई व्यवस्था में सुधार कराना
- एमसीडी के अस्पताल और डिस्पेंसरी संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं इसकी पूर्ति करना
यह होगी सहूलियत
- केंद्र, दिल्ली और और निगम में एक ही सरकार होने से नीतियों पर मतभेद नहीं होंगे
- जरुरत होने पर आर्थिक रूप से दिल्ली सरकार की अतिरिक्त फंड के रूप में मिल सकती है मदद
- दिल्ली सरकार को निगम में अपनी नीतिया लागू कराने के लिए नहीं करना पड़ेगा विरोध का सामना
- अतिरिक्त और समय से फंड मिलने से विकास कार्यों को मिल सकेगी गति
- नगर निगम के अस्पतालों और डिस्पेंसरियों के सुधारने के लिए मदद मिलेगी
- जलभराव और दिल्ली की समस्याओं में अब एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप नहीं कर सकेंगे