
पंचकूला निवासी 8 वर्षीय आर्यन और उसकी बहन साढ़े नौ वर्षीय एनाया नशे के खिलाफ संदेश लेकर माउंट एवरेस्ट बेस कैंप की चढ़ाई के लिए तैयार हैं। 30 अप्रैल को दोनों बच्चे दिल्ली से नेपाल रवाना होंगे और फिर माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप की कठिन यात्रा शुरू करेंगे।
प्रदेश में जहां नशे की बढ़ती प्रवृत्ति चिंता का विषय बनी हुई है, वहीं इन छोटे-छोटे बच्चों ने एक अनूठी मिसाल पेश करते हुए यह दिखा दिया है कि बड़े जज्बे उम्र का मोहताज नहीं होता। इस प्रेरणादायक पहल के पीछे हरियाणा पुलिस विभाग की डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) ममता सौदा का अहम योगदान है, जिनका बेटा आर्यन और भतीजी एनाया इस साहसिक सफर के लिए तैयार हैं।
पहले भी फतेह कर चुके कई ऊंची चोटियां
आर्यन की बात करें तो महज आठ साल की उम्र में वह पहले ही कई ऊंची चोटियों पर अपना परचम लहरा चुका है। इसमें हरियाणा की प्रो पिक चोटी, शिवालिक रेंज की चूड़ धार चोटी, मनाली की 14,100 फीट ऊंची भृगु लेक चढ़ाई और खारदुंगला दर्रे पर विजय शामिल है। वहीं, एनाया न सिर्फ एक होनहार छात्रा है, बल्कि जिमनास्टिक में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर चुकी हैं।
बड़े लक्ष्य के लिए छोटी उम्र में बड़ी तैयारी
एनाया ने भी अपनी बुआ ममता सौदा से प्रेरणा लेकर एवरेस्ट बेस कैंप तक चढ़ाई करने का दृढ़ निश्चय किया है। दोनों बच्चों ने बताया कि उन्होंने कठिन परिस्थितियों और मौसम के बदलावों से निपटने के लिए विशेष तैयारी की है। वे दिल्ली से फ्लाइट के जरिए नेपाल जाएंगे और वहां से चढ़ाई शुरू करेंगे। सामान्य परिस्थितियों में बेस कैंप तक पहुंचने में 14 से 16 दिन लग सकते हैं, हालांकि मौसम खराब होने पर यह समय थोड़ा बढ़ भी सकता है।
चुनौतियों से डर नहीं
आर्यन और एनाया दोनों ने कहा कि उन्हें किसी भी चुनौती से डर नहीं है। उनका मकसद सिर्फ एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचना ही नहीं है, बल्कि युवाओं को नशे से दूर रहने और बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करना भी है।इन दोनों नन्हे जांबाजों की यह पहल सिर्फ हरियाणा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बनकर उभरी है।