एमसीडी की योजना थी कि पहले चरण के तहत एमसीडी 1951 में बनी इस मार्केट के बाहरी हिस्से के गलियारे को ठीक करना था। साथ ही लोगों ने गलियारे को दुकान में भी तब्दील कर लिया था उसे भी हटाना था। एमसीडी के अनुसार कार्य हो रहा है साथ ही बाहरी हिस्से को ठीक किया का रहा है लेकिन दूसरे चरण का कार्य इसलिए नहीं शुरू हो पाया है कि हमारे पास फंड नहीं है।

एलजी चाहते हैं मार्केट का हो सुंदरीकरण

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2022-23 में एमसीडी ने इसके सुंदरीकरण की योजना बनाई थी। साथ ही उपराज्यपाल वीके सक्सेना भी चाहते हैं कि इस मार्केट को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके।
इसलिए इस परियोजना पर कार्य किया जाना था। इसके लिए कार्यों को दो चरणों में बांटा गया था। दूसरे चरण के तहत मार्केट के अंदर के हिस्से का सुंदरीकरण करने के साथ ही शौचालय ब्लाक का भी निर्माण होना है जिसमें दो करोड़ की राशि की आवश्यकता है।
पहले चरण के तहत एमसीडी ने बाहरी हिस्से में पुराने घंटाघर को ठीक किया गया है। वह रात में अच्छा दिखे इसके लिए वहां पर लाइटिंग की व्यवस्था भी की जा रही है। वहीं, महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि फंड की जो समस्या आ रही है उसकी समीक्षा की जाएगी। हम देखेंगे कि किसी कंपनी से सीएसआर के जरिये फंड मिल जाए। ताकि हम इसका सुधार कर सकें।

क्यों फेमस है कमला मार्केट?

उल्लेखनीय है कि अजमेरी गेट के पास यह मार्केट 1951 में बनी थी। यहां पर पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को दुकानें आवंटित की गई थी। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इसका उद्धाटन किया था। यह मार्केट अब कूलरों की थोक बिक्री के लिए मशहूर है।