
पंजाब पुलिस के सीनियर अधिकारियों से लेकर डीएसपी व एसएचओ तक की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। अब 31 मई को समीक्षा होगी कि अधिकारियों ने अपने अपने क्षेत्रों में क्या क्या किया। जिन अधिकारियों ने बेहतर काम किया होगा उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
अगर कसौटी व अधिकारी व कर्मचारी खरे नहीं उतरे तो वह कार्रवाई के लिए तैयार रहे। डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने बताया कि नशे के विरुद्ध युद्ध का यह आखिरी पड़ाव है। 31 मई के बाद अगर कहीं भी एक ग्राम भी नशा मिला तो बड़ी कार्रवाई होगी।
सभी विभाग मिलकर काम करेंगे- डीजीपी
डीजीपी ने कहा कि नशे के खिलाफ इस मुहिम में सभी विभाग मिलकर काम करेंगे। पुलिस की ओर से सेहत व शिक्षा विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा। इसके अलावा राज्य के हर गांव में अधिक अधिक पंचायतों, स्कूलों को इस अभियान में जोड़ा जाएगा। यह अभियान अब एक जन आंदोलन में बदल गया है, और प्रदेशभर के गांव एवं कस्बे पूरी निष्ठा और सक्रियता से इसका हिस्सा बन रहे हैं।
तस्करी पर नजर रखने के लिए टेक्नोलॉजी का होगा इस्तेमाल
यादव ने कहा कि इस अभियान के दौरान सीमा पार से ड्रोन के जरिए होने वाली नशा तस्करी पर नजर रहेगी। इसके लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा 755 हॉट स्पॉट पर फोकस रहेगा। सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि ऐसा नहीं है कि अभियान के दौरान बड़ी मछलियों को नहीं पकड़ा जा रहा। अब तक 1877 बड़ी मछलियों पर कार्रवाई की गई। 7414 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।
डीजीपी ने कहा कि नशा विरोधी जो हेल्प लाइन शुरू की गई है उसका बेहतर रिस्पांस मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जो भी फीडबैक आ रहा है या शिकायत आ रही है उस पर फौरी तौर पर अमल किया जा रहा है। सवाल के जवाब में डीजीपी ने कहा कि नशे के इस कारोबार में कोई भी शामिल होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा।