
सीएम भगवंत मान ने जारी किया वीडियो
हरियाणा को दिए जाने वाले पानी में साढ़े पांच हजार क्यूसिक की कटौती करने को लेकर भगवंत मान ने सात मिनट का एक वीडियो भी जारी किया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास हरियाणा को देने के लिए एक बूंद भी ज्यादा पानी नहीं है। हरियाणा सरकार दो महीने पहले ही अपने कोटे का सारा पानी इस्तेमाल कर चुकी है। अगर केंद्र सरकार को जरूरत है तो पाकिस्तान जाने से जो पानी रोका है, वह पंजाब के डैम में भर दें। हम उसे आगे हरियाणा को दे देंगे।
सीएम नायब सैनी सीएम मान के वीडियो से हुए हैरान
नायब सिंह सैनी ने कहा कि जब अगले दिन 27 अप्रैल को दोपहर दो बजे तक पंजाब के अधिकारियों ने कुछ नहीं किया और हरियाणा के अधिकारियों के फोन भी नहीं उठाए, तो उन्होंने खुद भगवंत मान को पत्र लिखकर इन तथ्यों से अवगत भी कराया था।
वे हैरान है कि 48 घंटे तक उनके पत्र का जवाब देने की बजाय मान ने एक वीडियो जारी करके पंजाब में अपनी राजनीति चमकाने के लिए तथ्यों को दरकिनार करते हुए देश की जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया है।
1981 में हुआ था पानी का समझौता
केंद्र सरकार ने साल 1976 में पंजाब के 7.2 मिलियन एकड़ फीट (एमएएफ) पानी में से 3.5 एमएएफ पानी हरियाणा को देने नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके लिए सतलुज-यमुना को जोड़ने वाली एसवाईएल नहर परियोजना बनी। इस नहर का विरोध होने पर एसवाईएल का प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका। इसके बाद साल 1981 में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच फिर जल समझौता हुआ।
वर्तमान में हरियाणा को पंजाब से लगभग 1.8 एमएएफ पानी मिल रहा है। यह पानी कई जिलों को पेयजल और सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जाता है। पानी सप्लाई में कटौती का सीधा असर हरियाणा के उन जिलों पर पड़ा है, जिन्हें भाखड़ा नहर से आने वाले पानी से ही आपूर्ति मिलती है। इससे पेयजल सप्लाई और सिंचाई प्रभावित हुई है
किसी को प्यासा नहीं मारेंगे, इसलिए पानी सप्लाई नहीं रोकी: मान
भगवंत मान ने भाजपा जबरन दबाव बना रही है कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के जरिये हरियाणा को ज्यादा पानी दो, जबकि हरियाणा अपने हिस्से का सारा पानी इस्तेमाल कर चुका है। पानी का जो हिसाब-किताब होता है, वह 21 मई से शुरू होकर अगले साल की 21 मई तक का होता है। इसमें कोटा फिक्स होता है कि एक साल में कितना पानी हरियाणा और कितना राजस्थान को देना है।
पहले कभी हिसाब-किताब रखा ही नहीं गया। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकारों में कोई चक्कर नहीं था। वह ज्यादा पानी इस्तेमाल कर लेते थे। सब आपस में मिले हुए थे। अब हमने अपना नहरी सिस्टम ठीक कर लिया है। एक बूंद भी पानी हमारे पास फालतू नहीं है। हम अब भी मानवता के आधार पर चार हजार क्यूसिक पीने लायक पानी दे रहे हैं।
हम किसी को प्यासा नहीं मार सकते। मैं भाजपा को कहना चाहता हूं कि जो वह कह रहे हैं कि पाकिस्तान का पानी रोक लिया है, उसे हमें दे दो। हमारे डैम भर दो, हम आगे दे देंगे। पिछले साल आज की तारीख में रणजीत सागर डैम में जितना पानी था, उससे आज 39 फीट कम है। पौंग डैम में पिछले साल के मुकाबले 24 फीट कम है। हम पानी कहां से दें?