यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की संप्रभुता की रक्षा में तैनात सेना को राज्यपाल तक को गुहार लगानी पड़ी है। कोर्ट 21 दिसंबर, 2023 को आदेश दे चुका था कि छह सप्ताह में जांच पूरी की जाए, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हुई।