
धरना खत्म करवाने को लेकर यूनियन नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों के बीच दो दिन बैठकों का दौर चलता रहा। वीरवार शाम एडीसी (डी) सुभाष चंद्र ने सभी मांगें मानने का भरोसा दिया जिसके बाद धरना हटाया। वहीं पुलिस ने बिना मंजूरी हाईवे पर धरना लगाने वाले यूनियन के छह नेताओं को नामजद कर 206 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
बुधवार 12 बजे लगाया धरना
फाजिल्का में हाईवे पर बुधवार दोपहर 12 बजे से लगाए गए धरने के कारण वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई ट्रक चालकों ने तो पूरी रात सड़क पर बिताई। हालांकि सुबह होते ही ट्रकों को वैकल्पिक रास्तों के जरिये फिरोजपुर की ओर रवाना किया गया।
कुल हिंद किसान सभा पंजाब के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरिंदर ढंडियां व नरिंदर ढाबां आदि ने कहा कि जिले के 10 गांवों के मनरेगा मजदूर मांगों को लेकर लंबे समय से अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने आरोप लगाया कि जाब कार्ड धारकों को काम नहीं दिया जा रहा।
200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
वहीं थाना सिटी के एएसआइ जगदीश सिंह ने बताया कि यह धरना प्रशासन की मंजूरी के बिना लगाया गया था। पुलिस ने इस मामले में हंसराज गोल्डन, सुरिंदर ढंडियां, शुबेग सिंह, गुरदियाल सिंह, कुलवंत सिंह, भजन लाल सहित के अलावा 150 से 200 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
एडीसी डी ने दोहराया कि मनरेगा के तहत रोजगार पूरी पारदर्शिता से दिया जा रहा है और ग्राम सभाओं के माध्यम से नए मेट भी नियुक्त किए जा रहे हैं। जिन गांवों में मेट की समस्या थी, वहां ग्राम सभाएं बुलाई गईं, इसके बावजूद धरना करना दुर्भाग्यपूर्ण है।