
रेवाड़ी। पंजाब के साथ चल रहे पानी विवाद का खामियाजा रेवाड़ी के लोगों को भुगतना पड़ सकता है। शहर को सोनीपत के खूबड़ू हेड से 16 दिन मिलने वाले पानी में कटौती होने की आशंका है। बताया जा रहा है कि अब यह पानी आठ दिन ही मिलेगा। ऐसे में शहरवासियों के सामने पेयजल संकट पैदा हो सकता है।
दूसरी ओर प्रशासन की ओर से पेयजल की बर्बादी करने वालों पर न केवल जुर्माना बल्कि कनेक्शन काटे जाने की तैयारी कर ली गई है। जिले में पेयजल संकट की आहट को देखते हुए जिला प्रशासन एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग विभाग की तैयारियां जारी हैं।
शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय में उपायुक्त अभिषेक मीणा की अध्यक्षता में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, सिंचाई विभाग एवं प्रशासन के अन्य उच्च अधिकारियों की अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें उपायुक्त ने पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए अधिकारियों को तैयारी करने के लिए कहा।
शहर में प्रतिदिन करीब 27.82 मिलियन लीटर पानी की खपत होती है। लिसाना वाटर वर्क्स से प्रतिदिन 5.32 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है। कालाका वाटर वर्क्स से प्रतिदिन 22.5 मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति है। जन स्वास्थ्य विभाग के पास स्टोरेज क्षमता कम होने के कारण शहर को पर्याप्त पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही हैं।
” लोगों से अपील है कि पेयजल की बर्बादी न करें, जितना जरूरी हो उतने ही पानी का उपयोग करें। पानी को वाहन, आंगन इत्यादि धोने में प्रयोग न करें। पेयजल की बर्बादी रोकने के लिए विभाग और प्रशासन द्वारा कई टीमों का गठन किया गया है।
– सतीश राठी, अधीक्षक अभियंता, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग
राशनिंग के चलते शहर में रहता है जलसंकट
बता दें कि राशनिंग के चलते शहर में जलसंकट रहता है। कालाका जलघर में अभी अलग-अलग क्षमता के पांच वाटर टैंक बनाए गए हैं। खुबडू हेड नहर में 16 दिन पानी चलता है और 24 दिन बंद रहता है, लेकिन पिछले कई दिनों से पंजाब के साथ चल पानी विवाद के बाद से नहर आठ दिन ही आने की संभावना है। शहर में पानी के टैंकों की क्षमता कम है। ऐसे में पर्याप्त मात्रा में पानी का स्टोरेज नहीं हो पाता है, जिससे शहरवासियों को पानी की समस्या रहती है। इस बार यह समस्या और अधिक बढ़ने की संभावना है।
पंजाब ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से कर दिया है इन्कार
पंजाब ने हरियाणा को अतिरिक्त 4500 क्यूसेक पानी देने से इनकार कर दिया है, जिससे दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ गया है। पंजाब सरकार का कहना है कि राज्य में पानी की कमी है और किसानों को प्राथमिकता देनी होगी। हालांकि हरियाणा सरकार ने इस फैसले का विरोध किया है।