
जालंधर। पंजाब के कई जिलों में वीरवार शाम आंधी और वर्षा से मौसम में बदलाव आया है। वर्षा के कारण मंडियों में खुले में पड़ी गेहूं की फसल भीगने से किसानों की चिंता बढ़ गई है।
राज्य में कई जगह आंधी से पेड़ और पोल गिर गए। कई जिलों में 12 से 14 घंटे बिजली आपूर्ति ठप रहने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
पीएसपीसीएल के आंकड़ों के अनुसार वीरवार देर रात से शुक्रवार सुबह तक करीब 30 हजार बिजली की शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से केवल 8,400 शिकायतों का ही निवारण हो सका है।
इस दौरान 521 फीडर भी फाल्ट के कारण बंद करने पड़े। गुरदासपुर में सबसे अधिक 44.40 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई। बता दें कि इन दिनों राज्य में गेहूं की कटाई के साथ ही मंडियों में खरीद भी जोरों पर है।
लिफ्टिंग धीमी होने से बढ़ी किसानों की समस्या
किसान लगातार मंडियों में गेहूं लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन लिफ्टिंग धीमी होने के कारण किसानों को मजबूरीवश गेहूं मिट्टी में ही रखनी पड़ रही है। वीरवार शाम को वर्षा के कारण मंडियों में गेहूं को संभालना मुश्किल हो गया।
कई जगह पानी की निकासी न होने के कारण दोपहर तक गेहूं की बोरियां वर्षा के पानी में भीगती रहीं। उधर मौसम विभाग ने अगले चार दिन ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान जताया है। बागवानी व कृषि विशेषज्ञ डा. निखिल मेहता ने कहा कि आंधी वर्षा से गेहूं, सरसों की फसल को नुकसान पहुंचने की संभावना है।
25 भैंसे और 15 बकरियों की मौत
गुरदासपुर के गांव दरगाबाद में आंधी के कारण पोल्ट्री फार्म की शेड गिर गई, जिससे तीन हजार चूजे मर गए। गांव खुशीपुर में बिजली के पोल, ट्रांसफार्मर गिरे, गांव नारंगपुर में बिजली गिरने से तूड़ी के भंडार को आग लग गई, गांव रायचक्क में आंधी के कारण भड़की आग से 25 भैंसें और 15 बकरियां जल गईं। होशियारपुर में तेज आंधी के कारण खेतों की आग घर तक पहुंच गई, जिससे 12 भैंसे झुलस गईं।
फिरोजपुर में तेज आंधी के चलते तीन जगह गेहूं की नाड़ को आग लगने से एक हजार से अधिक एकड़ में नाड़ जल गई। फिरोजपुर की मंडियों में अभी करीब चार लाख चार हजार 697 मीट्रिक टन गेहूं की लिफ्टिंग होनी बाकी है। संगरूर जिले की मंडियों में वर्षा के कारण 3.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं की फसल भीग गई।