सिख परिवारों से कम से कम तीन बच्चे पैदा करने की अपील, जत्थेदार ने जताई घटती आबादी पर चिंता

माछीवाड़ा।
ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री चरण कंवल साहिब का प्रांगण। धूप खिली हुई है और श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी हुई है।
आज मैं आप सबके समक्ष एक महत्वपूर्ण विषय पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए उपस्थित हुआ हूँ। यह विषय हमारे सिख समुदाय के भविष्य से जुड़ा हुआ है, हमारी पहचान से जुड़ा हुआ है। यह विषय है हमारी घटती हुई जनसंख्या।
यह एक सत्य है जिसे हम अनदेखा नहीं कर सकते। आज सिख परिवार एक या दो बच्चों तक ही सीमित रह गए हैं। यह प्रवृत्ति चिंताजनक है। यदि यही हाल रहा, तो आने वाले समय में हमारी संख्या और भी कम हो जाएगी। क्या हम अपनी गौरवशाली विरासत को इस तरह मिटने देंगे?
गुरु साहिबान ने हमें एक बड़ी पहचान दी है। हमने इतिहास में वीरता और बलिदान के अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। हमारी संस्कृति, हमारी परंपराएं, हमारा दर्शन विश्व में अद्वितीय है। लेकिन यदि हम संख्या में ही कम होते जाएंगे, तो हम अपनी इस पहचान को कैसे बनाए रखेंगे?
इसलिए, मैं आज हर सिख परिवार से विनम्र अपील करता हूँ। अधिक नहीं तो कम से कम तीन बच्चे जरूर पैदा करें। यह केवल संख्या बढ़ाने की बात नहीं है, बल्कि अपनी अगली पीढ़ी को अपनी विरासत सौंपने की बात है। यह अपने मूल्यों, अपनी संस्कृति को जीवित रखने की बात है।
सिर्फ बच्चों को जन्म देना ही पर्याप्त नहीं है। यह भी आवश्यक है कि हम उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ें। बचपन से ही उन्हें गुरु साहिब की साखियां सुनाएं। उन्हें बाणी का ज्ञान दें। उन्हें नितनेम करने के लिए प्रेरित करें। जब वे बड़े हों, तो वे पूर्ण सिखी स्वरूप में सजें, अपनी पहचान पर गर्व करें।
अब मैं एक और महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात करना चाहता हूँ – पंजाब के पानी का अधिकार।
यह धरती कभी पांच दरियाओं की धरती थी। हमारी उपजाऊ भूमि इन नदियों के पानी से सिंचित होती थी। हमारे किसानों ने अपनी मेहनत और लगन से इस धरती को आबाद किया, इसे सिंचाई योग्य बनाया। लेकिन राजनीति के चलते हमसे दो दरिया छीन लिए गए।
आज हरियाणा हमारे पानी पर अपना अधिकार जता रहा है। यह अन्याय है। पंजाब का पानी पर पहला और मूल अधिकार है। यह हमारी जीवन रेखा है। हमारी अर्थव्यवस्था, हमारी कृषि, सब कुछ पानी पर निर्भर है। हम अपने इस अधिकार को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।
मैं सरकार से अपील करता हूँ कि वह इस मामले में न्याय करे। पंजाब के लोगों के साथ अन्याय न करे। हमारे पानी का हक हमें वापस दे।
आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम अपने समुदाय की जनसंख्या को बढ़ाने के लिए प्रयास करेंगे। अपने बच्चों को अपनी संस्कृति और धर्म से जोड़ेंगे। और अपने पानी के अधिकार के लिए एकजुट होकर आवाज उठाएंगे।
वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह!