
खन्ना | पंजाब में किसान आंदोलन की आशंकाओं के बीच, राज्य पुलिस ने एक व्यापक कार्रवाई करते हुए कई प्रमुख किसान नेताओं को हिरासत में लिया है और कई अन्य को उनके घरों में नजरबंद कर दिया है, यह कदम शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान संगठनों द्वारा नियोजित धरने के मद्देनजर उठाया गया है, जिसका उद्देश्य संभावित विरोध प्रदर्शनों को रोकना और कानून व्यवस्था बनाए रखना है, मंगलवार की सुबह लगभग 4 बजे, पुलिस ने समराला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले घुलाल, लल कलां और खिरनिया गांवों में एक साथ छापेमारी की, इस दौरान भारतीय किसान यूनियन एकता (सिद्धूपुर) के ब्लॉक अध्यक्ष स्वर्णजीत सिंह घुलाल को हिरासत में लिया गया, इसके अतिरिक्त, जसवंत सिंह गिल और बलवीर सिंह खिरनिया को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, यह कार्रवाई यहीं नहीं रुकी, दोराहा ब्लॉक में भी पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए गुरजीत सिंह और गुरचरण सिंह नामक दो अन्य किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया, इन गिरफ्तारियों के अलावा, पुलिस ने कई अन्य प्रभावशाली किसान नेताओं को उनके घरों तक ही सीमित कर दिया, उन्हें बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई, इस प्रकार उन्हें प्रभावी रूप से हाउस अरेस्ट कर लिया गया, इनमें सुपिंदर सिंह बग्गा, गुरिंदर सिंह, अमरीक सिंह सुधार और जगरूप सिंह रायकोट जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं, गिरफ्तार किए गए किसान नेता स्वर्णजीत सिंह के बेटे सुखजीत सिंह ने इस पुलिस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई है, उन्होंने कहा कि उनके पिता और अन्य नेता शांतिपूर्ण तरीके से शंभू मोर्चे पर आयोजित होने वाले विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए जा रहे थे, सुखजीत सिंह ने सरकार पर दमनकारी रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को इस तरह से रोकना अलोकतांत्रिक है, यह पुलिस कार्रवाई संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान-मजदूर मोर्चा द्वारा हाल ही में घोषित किए गए धरने की प्रतिक्रिया के रूप में देखी जा रही है, इन किसान संगठनों ने विभिन्न कृषि मुद्दों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया था, जिसके बाद राज्य प्रशासन ने संभावित अशांति को रोकने के लिए यह निवारक कदम उठाया है, इस कार्रवाई से किसान समुदाय में नाराजगी फैल सकती है और यह देखना होगा कि आगे किसान संगठन किस प्रकार प्रतिक्रिया देते हैं और क्या उनके नियोजित विरोध प्रदर्शन पर इसका कोई महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, फिलहाल, पंजाब पुलिस पूरी तरह से अलर्ट पर है और सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।