’15 दिन के भीतर घुटने टेक देता पाकिस्तान’

सिंह ने कहा कि जब ऑपरेशन होता तो पाकिस्तान 15 दिन के भीतर ही घुटने टेक देता। पूरी दुनिया में भारत की पहचान आगे बढ़कर युद्ध करने की नहीं रही है। हमने तभी युद्ध किया है जब थोपा गया है। इस पहचान को भारत खत्म नहीं करना चाहता। इस वजह से ही भारत धैर्य से जवाब दे रहा था

भारत की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 100 किलोमीटर दूर आतंकी कैंपों को नष्ट कर दिया गया। नष्ट करने के दौरान आम लोगों का किसी भी प्रकार का नुकसान न होना, यह दर्शाता है कि भारत कितना जिम्मेदार राष्ट्र है। पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था। उसके बदले में हमने आतंकियों के कैंपों को नष्ट किया।

किसी भी क्षेत्र में भारत से मुकाबला नहीं

उन्होंने कहा कि हर बार पाकिस्तान की बुरी तरह हार हुई है। 1965, 1971 की लड़ाई के साथ ही कारगिल युद्ध भी उसे याद है। किसी भी स्तर पर वह कभी टिका ही नहीं। कुछ ताकत उसकी बढ़ी है, लेकिन भारत के मुकाबले कुछ भी नहीं है। सीधी लड़ाई में 15 दिन से अधिक पाकिस्तान नहीं टिक सकता। इसे ध्यान में रखकर उसने सीजफायर की तरफ कदम बढ़ाया है

सिंह कहा कि भारत को जो करना था, वह कर दिया। आतंकी कैंपों को नष्ट करना भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इतना बड़ा नुकसान पाकिस्तान को हो चुका है कि उसकी भरपाई करना उसके लिए संभव नहीं। आतंकियों की बदौलत ही वह भारत में छोटी-मोटी हरकत करता रहता था। अब हरकत करने से पहले सोचना पड़ेगा।

पाकिस्तान का एकजुट रहना मुश्किल

एके सिंह ने कहा कि आतंकियों की कमर टूटने से पाकिस्तान का एकजुट रहना मुश्किल है। वह कश्मीर को अशांत बताकर अपने लोगों को एकजुट रखने का प्रयास करता है। पहलगाम हमले के बाद कश्मीर के लोगों ने जिस एकजुटता का परिचय दिया है, वह अकल्पनीय है। इससे पाकिस्तान को काफी निराशा हुई है।

उन्होंने कहा कि पाक आर्मी चीफ ने जो बयान दिया था, उसका उद्देश्य था हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव पैदा करना। इसमें वह कामयाब नहीं हुआ। पहलगाम हमले के बाद कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश के लोगों ने एकजुटता का परिचय दिया। यही अपने देश की मूल ताकत है। यह ताकत पाकिस्तान के पास नहीं। आज नहीं तो कल ब्लूचिस्तान नया देश बनकर सामने आएगा।