
लोगों ने सुनाई आपबीती
सामाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए मंजाकोट सेक्टर के मोहम्मद फिरदौस ने बताया कि ये लोग अभी भी अपनी रातें बंकर में बिताते हैं। फिरदौस ने कहा कि अभी बहुत कम बंकर हैं। अगर हमें अगली गोलाबारी से बचना है, तो हमें और अधिक बंकरों की जरूरत होगी।
सरकार देगी मुआवजा
बता दें कि मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने गोलाबारी प्रभावित गांवों का दौरा किया और इस दौरान कहा कि राजौरी में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सहित तीन लोग मारे गए, दर्जनों घर क्षतिग्रस्त हो गए। पिछले तीन दिनों में कई विस्थापित लोग वापस लौट आए हैं, लेकिन हजारों लोग राहत शिविरों में हैं।सेना, खेतों और गलियों में अभी भी दबे हुए जिंदा बमों को नष्ट करने के लिए नियंत्रित विस्फोट कर रही है। डुल्लू ने कहा कि वो उन परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हैं, जिन्होंने अपने सदस्यों को खो दिया है और यह भी आश्वासन देते हैं कि घायलों को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इन लोगों को मुआवजा और पुनर्वास में तेजी लाने के लिए काम कर रही है।