
महिला आयोग के अनुसार राजीव गांधी एजुकेशन सिटी स्थित अशोक विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान ने सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों पर ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित टिप्पणी की है। जिसमें महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की भूमिका को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया है।
राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने का आरोप
आयोग का कहना है कि उनके बयानों में नरसंहार, अमानवीयता व पाखंड जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। उन्होंने अपनी टिप्प्णी में भारतीय सेना और सरकार की मंशा पर कम्यूनल दुर्भावना से प्रेरित होने के आरोप लगाए गए। जिस पर संज्ञान लेते हुए महिला आयोग ने प्रोफेसर पर राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने, महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने व सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया है।यही नहीं आयोग ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के आचार संहिता के उल्लंघन करने, भारतीय संविधान व भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराओं के तहत भी उल्लंघन की संभावना जताई गई है।
आयोग ने समन जारी करते हुए उनका पांच पेज से अधिक न होने वाले हलफनामे के रूप में लिखित उत्तर, बयान का समर्थन करने वाले साक्ष्य, विश्वविद्यालय की संहिता की प्रति और अनुबंध पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने चेतावनी दी है कि निर्धारित तिथि पर अनुपस्थित रहने पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी।