
हरियाणा और पंजाब के बीच जल विवाद थम नहीं रहा है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) की तकनीकी कमेटी की वीरवार को चंडीगढ़ में हुई बैठक में हरियाणा ने 725 क्यूसेक अतिरिक्त पानी की मांग की। राज्य ने 10 हजार 300 क्यूसिक पानी की मांग रखी। लेकिन पंजाब ने इससे मना कर दिया। इस पर दोनों राज्यों के अधिकारियों में तनातनी हो गई।
बीबीएमबी के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी गर्मागर्मी को शांत कराने के लिए हस्तक्षेप किया। त्रिपाठी ने इस मामले के हल के लिए कमेटी बनाने का फैसला किया। बीबीएमबी के चेयरमैन ने कहा कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के जो नियम हैं, उनका पालन किया जाएगा।
बैठक में काफी देर तक हंगामे के बाद यह साफ हो गया कि हरियाणा को 20 मई तक अतिरिक्त पानी नहीं मिलने वाला है, क्योंकि पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में चल रहे जल विवाद की अगली सुनवाई 20 को है। नियमों के अनुसार 21 मई से हरियाणा को अगले साल के लिए पानी मिलना शुरू हो जाएगा। बैठक में पंजाब सरकार के सेक्रेटरी कृष्ण कुमार और चीफ इंजीनियर शेर सिंह जबकि हरियाणा की ओर से सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल और विभागीय अधिकारी शामिल हुए।
धान की बिजाई को देखते हुए हमें 21 से 31 मई तक चाहिए 3000 क्यूसेक पानी, हरियाणा को कैसे दें वहीं, पंजाब के जल स्रोत मंत्री बरिंदर गोयल ने बताया कि हरियाणा जितना पानी मांग रहा है, उसकी सप्लाई संभव ही नहीं है। हरियाणा ने पहले हमें लिखा था कि 21 मई से उन्हें 9,525 क्यूसेक पानी की जरूरत होगी।
बैठक में उन्होंने 10,300 क्यूसेक पानी मांगना शुरू कर दिया। भाखड़ा मेन लाइन (बीएमएल) नहर की क्षमता 11,700 क्यूसेक है। हमें राज्य के लोगों पीने की जरूरतों के लिए 31 मई तक 3,000 क्यूसेक पानी की जरूरत है। बीएमएल नहर की मरम्मत और रखरखाव पहले से ही चल रहा है। पानी की रिहाई इस हिसाब से होगी कि यह कितना दबाव झेल सकती है। अगर हम हरियाणा की मांग पूरी करते हैं, तो हमारे लोगों को पीने का पानी नहीं मिलेगा।
गोयल ने कहा कि पंजाब में वीरवार से धान की सीधी बिजाई शुरू हो गई है जबकि पनीरी लगाकर बिजाई का सीजन एक जून से शुरू होगा। पंजाब ने 1 जून से 22,000 क्यूसेक पानी की मांग की है। जैसे-जैसे बिजाई होती जाएगी पानी की मांग भी बढ़ती जाएगी। पिछले वर्ष पंजाब में सबसे अधिक मांग 40,000 क्यूसेक की रही है।
पंजाब सरकार को दिल्ली की भी चिंता नहीं : श्रुति चौधरी
श्रुति हरियाणा की जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि पंजाब मनमानी कर रहा है। उसे हरियाणा की जरूरत की परवाह नहीं है। हरियाणा को जितना पानी मिलता है, उसका एक बड़ा हिस्सा दिल्ली के लोगों की प्यास बुझाने के लिए भेजा जाता है। दिल्ली में जब तक आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तब तक पंजाब की आप सरकार को इस पानी को देने पर कोई आपत्ति नहीं थी। अब दिल्ली में आप हार गई तो पंजाब सरकार दिल्ली के लोगों से पानी नहीं देकर बदला ले रही है।