कोर्स के दौरान ही 2019 में इस एप को लांच किया था और कोलंबिया यूनिवर्सिटी से 25 लाख रुपये की ग्रांट पाने में सफलता पाई। वे शार्क टैंक इंडिया सीजन-2 का हिस्सा भी बने और जज अमित जैन से 60 लाख रुपये की फंडिंग पा चुके हैं।

एक क्लिक पर दे रहे कबाड़ बेचने की सुविधा

कबाड़ से जुड़े पारंपरिक तरीकों को एक डिजिटल प्लेटफार्म में बदलकर मुकुल ने न केवल घरों को कबाड़ मुक्त किया, बल्कि इसे एक सरल प्रक्रिया भी बना दिया। स्क्रैप अंकल एप पर आप सहूलियत के अनुसार पिकअप शेड्यूल कर सकते हैं। उनके पास 125 लोगों की टीम है और सत्यापित कलेक्शन एजेंट स्क्रैप उठाने घर तक आते हैं। कुल 42 मिनी इलेक्ट्रिक ट्रकों से पिकअप करा रहे हैं।

ओखला फेस-1 और तुगलकाबाद एक्सटेंशन स्थित गोदामों में पहुंचाकर इसे संबंधित रिसाइक्लिंग यूनिट को भेजा जाता है। एप पर कागज, गत्ते, प्लास्टिक, धातु, अखबार, लोहा, बर्तन, एल्यूमीनियम सहित एसी, वाशिंग मशीन व फ्रीज पुराने वाहन जैसे सामान भी दे सकते हैं।