
भारत-पाकिस्तान तनाव के समय पाकिस्तानी सेना ने सीमावर्ती जिलों को अपना निशाना बनाया। इस दौरान उन्होंने सीमावर्ती इलाकों में मिसाइल और गोलीबारी से स्थानीय लोगों को टारगेट करने की कोशिश की। इस बीच अब तनाव कम होने के साथ ही सेना को सीमावर्ती इलाकों में जिंदा बम भी मिल रहे हैं, जिन्हें डिफ्यूज करने के लिए सेना पूरे जोश के साथ जुटी है।
इसी कड़ी में भारतीय सेना के बम निरोधक दस्ते ने जम्मू और कश्मीर के अंतर्गत पुंछ में एक सीमावर्ती गांव के पास एक जिंदा पाकिस्तानी गोला डिफ्यूज किया है।
स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिंदा गोले को सड़क किनारे रख दिया गया और उसे नष्ट कर दिया गया। मोहम्मद माशूक ने कहा कि सेना पाकिस्तान द्वारा दागे गए जिंदा गोले को खत्म करने का काम पूरी तल्लीनता के साथ कर रही है।
‘आम लोगों के लिए खतरा था यह गोला’
मोहम्मद ने कहा कि दारा बग्याल में जो जिंदा गोला था वो यहां रहने वाले सभी लोगों के लिए खतरा था। लेकिन अब यह खतरा टल गया है। मैं कहना चाहता हूं कि भारतीय सेना पूरे पुंछ में पूरे जोश के साथ काम कर रही है।
सड़क के किनारे जिंदा गोला पड़ा था और पास में एक ‘बस्ती’ है। हालांकि, सेना के जवानों ने इसे नष्ट कर दिया। यह हमारे लिए बहुत बड़ा खतरा था, खासकर उन लोगों के लिए जो इस रास्ते से आते-जाते हैं।
पुंछ के दारा बग्याल के एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि सेना ने एक बम को नष्ट कर दिया है, जो पाकिस्तान से आया था। हम इस वजह से खतरे और डर में थे। मैं बम को नष्ट करने के लिए स्क्वॉड का धन्यवाद करना चाहता हूं।
स्थानीय लोगों ने बयां किया दर्द
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में स्थानीय लोगों को हाल ही में संघर्ष के दौरान पाकिस्तान द्वारा की गई तीव्र गोलाबारी के कारण भारी नुकसान हुआ है।
इन जिलों के स्थानीय लोग हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान सबसे पहले गोलाबारी की जद में आए थे, जो दोनों देशों के बीच शत्रुता समाप्त करने के समझौते पर पहुंचने के बाद रुक गया है। पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के उप-मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा के पास सीमावर्ती गांवों का दौरा किया और लोगों से बातचीत की थी।