
गोल्डन टेंपल में एयर डिफेंस गन तैनात करने की अनुमति देने के भारतीय वायु रक्षा के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा के बयान को हेड ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने खारिज कर दिया है। हेड ग्रंथी का कहना है कि लड़ाई शुरू होने से पहले वह विदेश दौरे पर जा चुके थे और खत्म होने के बाद लौटे हैं। उनसे कोई संपर्क नहीं किया गया। सेना ऐसे दावे कर रही है। इसकी जांच होनी चाहिए।
वहीं, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी और एडिशनल हेड ग्रंथी अमरजीत सिंह ने भी लेफ्टिनेंट जनरल के बयान को चकित करने वाला और झूठा बताया। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई अनुमति न दी गई, न ही कोई सेना अधिकारी संपर्क में आया। उन्होंने केंद्र सरकार से इस झूठे बयान पर स्पष्टीकरण की मांग की है।
इसके अलावा गोल्डन टेंपल पर पाकिस्तानी हमले की बात को SGPC पहले ही नकार चुका है। SGPC के सचिव कुलवंत सिंह मन्न ने कहा कि सेना चाहे पाकिस्तान की हो या भारत की, कोई भी गोल्डन टेंपल को टारगेट करने का सोच भी नहीं सकती। इसके बाद पाकिस्तान ने भी एक बयान जारी कर भारतीय सेना के इस दावे को खारिज कर दिया।
3 पॉइंट्स में जानिए लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर ने क्या कहा था…
- एक इंटरव्यू में महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने कहा था- गोल्डन टेंपल प्रबंधन को जब यह बताया गया कि संभावित खतरा हो सकता है, तो उन्होंने धार्मिक स्थल की सुरक्षा के लिए हथियार तैनात करने की अनुमति दी। इसलिए, हथियार तैनात किए गए।
- महानिदेशक ने आगे कहा- सौभाग्य से हमने पहले ही कल्पना कर ली थी कि वे (पाकिस्तान) क्या करने में सक्षम हैं। हमें समझ में आ गया था कि वे इसे निशाना बनाएंगे, क्योंकि सीमा पार उनके पास कोई वैध लक्ष्य नहीं था। उनका मकसद आंतरिक रूप से भ्रम और अराजकता फैलाना था, इसलिए हमने यह अनुमान लगाया था कि वे हमारे नागरिक क्षेत्रों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाएंगे।
- महानिदेशक ने कहा- जैसे ही कोई रोशनी दिखती, हमें पता चल जाता था कि किसे निशाना बनाना है। गोल्डन टेंपल में ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्क्रिय करना इस बात का प्रमाण है कि भारत उभरते खतरों से निपटने और संवेदनशील स्थानों की रक्षा करने में अब और अधिक सक्षम हो रहा है।
- हेड ग्रंथी बोले- सेना ने कोई संपर्क नहीं किया: हेड ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने जानकारी दी कि लड़ाई शुरू होने से पहले वह विदेश दौरे पर जा चुके थे और खत्म होने के बाद लौटे। उनसे इसलिए कोई संपर्क नहीं हुआ। भारतीय सेना के दावों की जांच होनी चाहिए। पहले पाकिस्तान के ड्रोन से गोल्डन टेंपल व अमृतसर को निशाना बनाने का दावा किया। SGPC ने सहयोग किया और उन्हें करना भी चाहिए था, लेकिन पहले दावा करना और बाद में कह देना कि पूछ कर किया है, यह गलत है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस दावे की जांच करने की मांग भी की।
- सहायक हेड ग्रंथी बोले- बयान चकित करने वाला और झूठा: वहीं, सहायक हेड ग्रंथी अमरजीत सिंह ने सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डि’कुन्हा के बयान को चकित करने वाला और असत्य बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन के ब्लैकआउट के निर्देशों के तहत केवल बाहरी लाइटें बंद की गईं, लेकिन जहां मर्यादा चल रही थी, वहां लाइटें चालू रहीं। कोई एयर डिफेंस गन तैनात नहीं की गई और न ही इसकी अनुमति दी गई।
- SGPC अध्यक्ष बोले- झूठे बयान पर स्पष्टीकरण दें: SGPC अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने भी कहा है कि ऐसी कोई अनुमति न दी गई, न ही कोई सेना अधिकारी संपर्क में आया। उन्होंने केंद्र सरकार से इस झूठे बयान पर स्पष्टीकरण की मांग की है।
सेना ने गोल्डन टेंपल को निशाना बनाने की बात की
पंजाब में तैनात सेना के एयर डिफेंडर्स ने सोमवार को दावा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी सेना ने गोल्डन टेंपल को निशाना बनाने की कोशिश की थी। ऑपरेशन सिंदूर के 3 दिन तक जब पाकिस्तान आर्मी कैंट और एयरबेस को टारगेट नहीं कर पाई तो गोल्डन टेंपल की तरफ मिसाइलें दागीं।
हालांकि, सेना के आकाश मिसाइल सिस्टम, L-70 एयर डिफेंस गन सहित एयर डिफेंस सिस्टम ने उनकी मिसाइलों को आसमान में ही न्यूट्रलाइज कर दिया। मेजर कार्तिक सी. शेषाद्रि ने कहा कि नाकाम होने के बाद पाकिस्तान आर्मी सिविलियंस को टारगेट करने लगी थी। हालांकि, 10 मई को सीजफायर हो गया। इसके बाद दोनों तरफ से हमले बंद हैं।
सेना के बयान पर क्या बोले SGPC और पाकिस्तान…
- SGPC ने कहा- गोल्डन टेंपल पर हमले की कोई सोच भी नहीं सकता: सेना के बयान का खंडन करते हुए (SGPC) के सचिव कुलवंत सिंह मन्न ने कहा कि सेना चाहे पाकिस्तान की हो या भारत की, कोई भी इसे (गोल्डन टेंपल को) टारगेट बनाने का सोच भी नहीं सकती।
- पाकिस्तान ने कहा- भारतीय सेना के दावे गलत: भारतीय सेना के दावे पर पाकिस्तान से जारी बयान में कहा गया- हम इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हैं। हम सभी धर्मस्थलों को सर्वोच्च सम्मान देते हैं, और स्वर्ण मंदिर जैसे पवित्र स्थल को निशाना बनाने की कल्पना भी नहीं कर सकते। उल्टा भारत ने 6-7 मई की रात में पाकिस्तान में विभिन्न पूजा स्थलों को निशाना बनाया था। भारतीय सेना के आरोप इस अस्वीकार्य कृत्य से ध्यान नहीं हटा सकते। पाकिस्तान ने कहा- हम सिख धर्म के कई पवित्र स्थलों के संरक्षक हैं। हर साल हम दुनिया भर से हजारों सिख तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हैं। पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से गुरुद्वारा साहिब करतारपुर तक पहुंचने की बिना वीजा अनुमति देता है। ऐसे में स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाने के पाकिस्तान के प्रयास से संबंधित कोई भी दावा पूरी तरह निराधार और गलत है।